________________ नि-विमानमणिसंचयाः // 5 // कश्चिज्जीवो दिवश्युत्वा / गर्ने तस्या अवातरत् // तानि ह ष्ट्वा प्रबुद्धा सा / हृष्टागान्नृपमंदिरे // 6 // स्वप्नस्वरूपमाचख्यौ / विचार्यायमतिश्च सः // पु. चरित्रं || लाजानिधानेना-नंदयामास वदनां // 7 // पुनः प्रनाते संजाते / भूपतिः स्वप्नपाठकान् 153 // आकार्याबदेतेऽपि / शास्त्रदृष्ट्या बन्नाषिरे // // स्वप्नान्येतानि राजेंज / माता पश्यति निश्चितं // अवतारे जिनेाणा-मथवा चक्रवर्तिनां // ए॥ प्रत्यक्षाणीव सर्वाणि / जिनमाता विलोकते // किंचिदस्पष्टरूपाणि / चक्रिमाता तु पश्यति // 10 // राज्ञा च पृष्टया राझ्या / कीर्तिमत्या निवेदितं // अस्पष्टानीव दृष्टानि / स्वप्नान्यद्य निशात्यये // 11 // ततस्तैनिश्चयश्चके / चक्री पुत्रो नविष्यति // श्रुत्वेत्युव्वसितौ तौ च / धाराहतकदंबवत् // 12 // राज्ञी च गर्नसंभृति-नवानथ मनोरथान् // पूरयंत्यवहगर्न / दीपवत्स्वोदरानके // 13 // दिनेषु परिपूर्णेषु / प्रसूतिगृहदीपकं // अजनिष्ट सुतं साथ / द्वितीयमिव दीपकं // 14 ॥महामहोत्सवं कृत्वा / जाते छादशमेऽहनि // तस्याऽमृतयशा एवं / राज्ञा नाम प्रतिष्टितं // // 15 // पाखितः पंचधात्रीनिः / स मेरुगिरिमस्तके // कल्पवृक्ष श्व प्राप / वृा तत्र शनैः | Jun Gun Aaradhak Trust P.P.AC.GunratnasuriM.S.