________________ PPACCUMS | वटपुर से चल पड़ा। ये दोनों सेनाएँ बड़े वेग से पर्वतों को ध्वस्त करती हुईं तथा मार्ग की नदियों को सुखाती हुईं राजा भीम के नगर में जा पहुँची। राजा मधु ने दोनों सेनाओं की सहायता से नगर को घेर लिया। नगाड़ों का कोलाहल सुन कर उस नगर में सर्वत्र त्राहि-त्राहि मच गयी। प्रजा थर्राने लगी, सब को भारी चिंता उत्पन्न हो गयी। राजा भीम ने जब कोलाहल सुना, तो मन्त्री से पूछा-'नगर में इतना आतङ्क क्यों फैल रहा है?' मन्त्री ने निवेदन किया- 'हे महाराज! राजा मधु ने एक विशाल सेना लेकर नगर पर आक्रमण किया है। राजा भीम ने कहा-'हे मन्त्री ! निश्चय किये बिना यह क्या कह रहे हो ? क्या ऐसा सम्भव है ? संसार में रोसा कौन बलवान है, जो मेरा सामना कर सके ? क्या कभी यह सुनने में आया है कि कहीं सिंह के ऊपर मृग समूह ने आक्रमण किया हो ? यमराज पर प्राणधारियों का तथा गरुड़ पर सर्प का आक्रमण करना कदापि सम्भव नहीं हो सकता।' मन्त्री ने शीश नत कर कहा- 'हे महाराज वस्तुतः राजा मधु प्रबल सेना लेकर आया है। उसने समस्त नगर को चतुर्दिक घेर लिया है। उसके भय से नगर के समस्त कपाट अवरुद्ध कर दिये गये हैं तथा उसकी सेना युद्धघोष कर रही है।' शत्रु द्वारा रण का आह्वान सुन कर राजा भीम क्रोधोन्मत्त हो उठा, उसने कहा- क्या मेरे नगर निवासी इतने कायर हैं कि साधारण शत्रु के भय से अपने नगर के कपाट बन्द कर लें ? उन्हें बादेश दे दो कि सिंहद्वार उन्मुक्त करें। मैं अभी युद्ध के लिए प्रस्तुत होता हूँ।' इतना कह कर राजा भीम एक प्रबल सेना के साथ सिंह की तरह गरजते हुए नगर दुर्ग के सिंहद्वार से संग्राम हेतु बाहर निकला। ____महारथी राजा मधु ने जब देखा कि राजा भीम चतुरङ्गिणी सेना (गजारूढ़, अश्वारोही. रथी एवं पदातिक) लेकर रणक्षेत्र में आ गया है, तब वह भी युद्ध की व्यूह रचना करने लगा। शीघ्र ही दोनों पक्ष के मदोन्मत्त शूरवीर सुसज्जित हो कर परस्पर भिड़ने को प्रस्तुत हो गये। दोनों दलों के वाद्यों के उच्च रव से, बन्दीजनों के जय-जयकार से, अश्वों की हिनहिनाहट एवं गजराजों को गर्जना से आकाश गँज उठा। सुभटों के अट्टहास एवं धनुष की टङ्कार से कुछ भी सुनायी नहीं पड़ता था। युद्ध की ऐसी भयानकता देख कर कायरों के कर (हाथ ) से शस्त्र गिरने लगे एवं शूरवीरों को रोमांच हो पाया। दोनों सेनायें परस्पर मिड़ गयीं। अस्त्र-शस्त्र एवं दाँव-पेंच से भयानक युद्ध होने लगा। खड्ग, कुन्त, बाण, तीर, चक्र, मुद्गर, किर्च, नाराच, NO