________________ P.P.Ad Gurransuri MS कारण तुम पर प्रकट करता हूँ। राजा हेमरथ की रानी चन्द्रप्रभा से रमण हेतु मैं कामातुर हो रहा हूँ। जिस समय से उसके रूप तथा यौवन को देखा है, उस समय से मैं काम-व्यथित हूँ। मेरा चित्त कामाग्नि से दग्ध हो रहा है। मुझे पल भर के लिए भी चैन नहीं पड़ता है।' राजा की ऐसी गर्हित मनोकामना सुन कर चतुर मन्त्री / / ने कहा- 'हे महाराज ! यह सर्वथा अनुचित विचार है। यह कार्य इहलोक तथा परलोक दोनों के विरुद्ध तथा निन्दनीय है। इससे समस्त लोक में अपकीर्ति होगी. आप के प्रति समटों की अनास्था हो जायेगी। नोति वाक्य है कि लोक-निन्दित कार्य कदापि नहीं करना चाहिये।' राजा ने कहा-'यह तो मैं भी समझता हूँ, किन्तु उसके बिना मैं एक क्षण भी जीवित न रह सकगा। यदि तुम्हें मेरे जीवन की आवश्यकता हो, तुम चाहते हो कि मैं जीवित रहँ.तो चन्द्रप्रभा से समागम का कोई उपाय करो। बिना उसके राज्य-धन-सेनारत्न-परिवारादि सब व्यर्थ हैं।' जब मन्त्री ने देखा कि राजा मध चन्द्रप्रभा पर आसक्त हो रहे हैं, तो उसने अपने कर्तव्य का स्मरण कर राजा से कहा--'हे महाराज! मेरी एक प्रार्थना है, वह यह कि अभी प्रेम सम्बन्धी जो चिन्ता भाप के मन में उत्पन्न हई है. उसका परित्याग कर दें। यदि यह मनोभाव आपके सामन्ती पर प्रकट हो गया तथा वे समझ गये कि महाराज पर-स्त्री में अनुरक्त हैं. तो उनकी आप के प्रति अनास्था हो जायेगी। वे स्वगृह को लौट जायेंगे. सोचिये इससे भाप का कितना अनिष्ट हो सकता है। संग्राम की समस्त प्रस्तुति व्यर्थ हो जायेगी। यदि वे आपके साथ संग्राम में गये, तो भी आपके प्रति सन्देह होने से युद्ध में सफलता नहीं मिल सकेगी। अतएव अभी यह रहस्य गुप्त रखना ही उचित होगा। प्रथम तो सामन्त राजाओं को सहायता से शत्रु परास्त हो जाए, फिर उसके पश्चात अपने मनोरथ की पति कीजिये। शत्र के परास्त होने पर आप जो चाहेंगे, वह सरलता से सिद्ध हो जायेगा।' मन्त्री का परामर्श सन कर तब राजा मधु को कुछ सान्त्वना मिला। उन्होंने मनोरथ की सिद्धि की आशा से मन्त्री से कहा-'मेरे मनोरथ को पूर्ण करना तुम्हारा कर्तव्य होगा। तुम मुझे विश्वास दिलाओ. जिससे मेरा यह विह्वल चित्त शान्त हो जाए।' राजा को इच्छा के अनुसार मन्त्री वचनबद्ध हुआ। चतुर मन्त्री के आश्वासन से राजा मधु का चित्त स्वस्थ हो गया। शत्रु को परास्त करने की उत्कण्ठा से उन्होंने सेना के संग प्रस्थान किया। राजा मधु की सहायता के लिए राजा हेमरथ भी अपनी सेना के साथ Jun Gun Aaradhak E