________________ जस्स पयकमलसीय, वसीय पोमावइ धरणेदो / तस्स नामेइ सयलं, विसहर वीसमाघट्ट // 10 // तुह सम्मत्ते लद्धे, चिंतामणिकप्पपायवप्भहिए / पावंति अविग्घेणं, जीवा अयरामरं ठाणं नछुट्ठ मयठाणे, पण कम्मठ्ठ नठ्ठ संसारे / परमठुनिठ्ठिअठे, अठुगुणाधीसरं वंदे // 12 // इय संथुऊ महायस, भत्तिप्भर निप्भरेण हियगण / ' ता देव दिज बोहिं, भवे भवे पासजिणचंद // 13 // केटलीक प्रतमा उपरनी 7-8-9-10 ने बदले आ नीचेनी चार गाथाओ छे. तं नमह पासनाई, धरणिंदनमंसीयं दुह पणासेइ / तस्स पभावेण सया, नासंति सयल दुरीयाणं // 10 // एए समरंताणं, मुणिं न दुह वाहि नासमाही दुकं / नाम सीयम असमं, पयडो नथिथथ्थ संदेहो // 11 // अल जलण तह सप्प सीहो, मारोरी संभवेपि खिप्पं जो / समरेइ पास पहु, पहो वि न कया वि कीसी तस्स // 12 // इह लोगठ्ठि परलोगठि, जो समरेइ पासनाहं तु / तत्तो सीज्झेइ नकोसंइ नाह सुरा भगवंतं // 13 // આની અંદર કેટલીક અશુદ્ધિ રહેલી જણાય છે, તે કેઈ વિદ્વાન સુધારીને મોકલશે તે ફરીને શુદ્ધ પ્રકટ કરશું. હાલ તો આ અપૂર્વ વસ્તુ પ્રાપ્ત થવાથી પ્રસિદ્ધિમાં મૂકી છે. તેને ચગ્યતા અનુસાર ઉપયોગ કરો. 6 महा. 7 वि.८ त.६ चोरारी P.P.AC. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust