________________ hgresiaticlesediosishahist श्रीजयशेखरसूविरचित श्रीनलदमयन्तीचरित्रम् )andesi sardarnitisement, गोत्रापत्यं पुमान् राघवः रामः यथा सीतायाः योग्यः पतिः आसीत् / तथाऽहमेश अस्या दमयन्त्याः योग्यः पतिः अस्मि / तस्मात् त्वमिमां वोढुं न शक्तोषि॥७॥ 5 सरलार्प :- भो भो नल। इयं दमवन्ती त्वया परिणेतुं न लभ्यते। यत: सीतायाः रामः इव अस्था: दमयन्त्याः अहमेव योग्य. पति: अस्मि 117111 ગુજરાતી :- અરે નાલારાજ ! તું આ દમયંતીને પરણવા પામીશ નહીં, કેમ કે સીતાના જેમ રામચંદ્ર, તેમ હું જ આ દમયંતીનો •वामी यानाछु.॥७१॥ हिन्दी:- अरे नलराजा। तू इस दमयंती से विवाह नहीं कर सकता, क्योंकि सीता के जैसे रामचंद्र, वैसे ही मैं इस दमयंती कास्वामी होने लायक हूँ // 71 // ठी :- अरे नलराजा। त्या दमयंतीशी लग्न करू शकत नाही, कारणकी सीतेचा जसां रामचंद्र, तसेच मी या दमयंतीचा स्वामी होण्यास योग्य आहे. // 71 // English :- Calling out to king Nal, he said to him that he cannot marry Damyanti, because, just as Sita and Ramchandra, he is also fit to be a husband to Damyanti. नलोऽप्यूचे तमाक्षिप्य, किमरे कुलपांशन। पिशाचकी वातकी वा, मूढस्त्वं यद्विकत्थसे॥७२॥ अन्यय:- नल: अपि तं कृष्णराज आक्षिप्य ऊचे किं अरे कुलपांशन | पिशाचकी धातकी वा / यत् त्वं मूढः इव विकत्थसे // 72 // 乐乐乐明乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐乐派