________________ OREOGResuTERATRAM श्रीजयशेखरसूरिविरचितं श्रीनलदमयन्तीचरित्रम् StatestessagavadaPANAL हिन्दी :- उस समय बारह घडी तक साधु की जो कदर्थना की थी उससे बारह साल तक राज्य से भ्रंश और तुम दोनों के बीच वियोग हुआ॥९५८॥ हे मराठी:- नंतर त्या वेळेला बारा तासपर्यंत सापुंची जी अवहेलना केली, त्यामुळे बारा वर्षापद्धत राज्यभ्रंश आणि दमयन्तीचा वियोग झाला.॥९५८॥ English - In their past life as the had harransed the priest for twelve hours, they had to forfiet the kingdom and remain seperated for twelve year. इत्याकर्ण्य नल: क्ष्माभृत् धर्मरजतरङ्गितः॥ भैमीकुक्षिसरोहंसं राज्ये पुष्परमासयत् // 959 // अन्वयः- इति आकर्ण्य धर्मरजतरङ्गित:क्ष्माभृत् नल: भैमीकुक्षिसरोहंसं पुष्करं राज्ये आसयत् // 959 // विवरणम:- इति आकर्ण्य श्रुत्वा धर्मस्य रजः धर्मरजः। धर्मरजस्य तरङ्गः अस्मिन् सजाता: धर्मरक्तरङ्गित: धर्मखतरजवान मां पृश्वीं बिकभर्तीतिक्ष्माभृत् नृपः नल: भीमस्यापत्यं स्त्री भैमी भीमराजपुत्री दमयन्ती। भैम्या: कुक्षिः उदरमेव सर: सरोवरं भैमीकक्षिसर: भैम्युदरसरोवरमा भैमीकुक्षिसरसिहंस: इव भैमीकुक्षिसरोहंसः, तं भैमीकुक्षिसरोहंसं भैमीकुक्षिजातंपुष्कर राज्ये आसयत् उपावेशयत् // 959 // सरलार्थ:- इति वचनं श्रुत्वा धर्मरङ्गतरङ्गवान् नल: नृपः भैमीकुक्षिसरसि हंसमिव स्थितं पुष्करं राज्ये न्यवेशयत् / / 959| . ગુજરાતી :- તે સાંભળીને નલરાજાએ ધર્મના રંગથી ઉત્સુક થઈને દમયંતીના ઉદરરપી તળાવમાંથી ઉત્પન્ન થયેલા હંસસરખા પુષ્કરકુમારને રાજ્યસન પર સ્થાપન કર્યો.૯૫૯ हिन्दी :- वह सुनकर नलराजा धर्म के रंग से उत्सुक होकर दमयंती के उदररूपी तालाब में हंस जैसे पुष्कर कुमार को राज्य पर स्थापित किया।।९५९॥