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________________ KarishareAliR esबीजयशेखरसूरिविरहिली श्रीनालदमयन्तीचारित्रमा PASSEMBLNEWSPNBARMEDIA हिन्दी :- (फिर दमयंती को पुष्कर नामक पुत्र हुआ, तथा उसने सभी कलाओं का अभ्यास किया, और वह राज्यलक्ष्मी का भोग करने के लिये उचित यौवन वय को प्राप्त हुआ||८९१॥ मराठी:- नंतर दमयंतीला पुष्कर नावाचा पुत्र झाला, त्याने सर्व कलांचा अभ्यास केला आणि राज्यलक्ष्मीचा उपभोग येण्यासाठी उचित अशा यौवनवयात प्रवेश केला. // 891 / / English - Then Damyanti had sun named Pushkar, who mastered up all the arsts and also studied about the kingdoms administration and then in due course attained adolesence. एवं वर्षसहस्राणि साम्राज्यमभजनलः॥ अन्येधुस्तत्पिता देवस्तमुपेत्य प्रत्यबोधयत् / / 892 // अन्वयः- नल: एवं वर्षसहस्राणि साम्राज्यमभजत् / अन्येधुः तत्पिता देवः तम् उपेत्य प्रत्यबोधयत् // 892 // विवरणम्:- नल: एवं वर्षाणां सहस्राणि वर्षसहस्त्राणि साम्राज्यम् अभजत् / अन्यस्मिन् विने अन्येषुः तस्य पिता तत्पिता देव: तं नलम् उपेत्य प्रत्यबोधयत् प्रतिबोधम् अकरोत् // 892 // सरलार्थ:- नलः एवं सहनं वर्षाणि साम्राज्यमसेवत। ततः एकस्मित तत्पिता देव: जलमुपसृत्य तं प्रत्यबोधयत् / / 892 / / ગુજરાતી - એવી રીતે નલરાજાએ એક હજાર વર્ષો સુધી રાજ્ય ભોગવ્યું. પછી એક દિવસે દેવ થયેલા તેના પિતાએ તેની પાસે આવીને તેને પ્રતિબોધ આપ્યો કે,૮૯રા. हिन्दी :- इस प्रकार नलराजाने एक हजार वर्ष तक राज्य भोगा। फिर एक दिन देव बने हुए उनके पिता ने उनके पास आकर उन्हे प्रतिबोध दिया // 892 // जन मराठी :- अश्याप्रकारे नळराजानी एक हजार वर्षापर्यंत राज्य भोगले नंतर एके दिवशी देव असलेल्या त्याच्या वडिलांनी नलराजाजवळ येऊन त्याला प्रतिबोध केला. // 852 / / 騙騙騙騙騙騙騙騙騙騙騙
SR No.036462
Book TitleNal Damayanti Charitrayam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJayshekharsuri, Sarvodaysagar
PublisherCharitraratna Foundation Charitable Trust
Publication Year
Total Pages915
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size93 MB
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