________________ PROGRAHASTRasailasRA श्रीजयशेखरमूरिविरचितं श्रीनलवमयन्तीचरित्रम् RAMBAHArsestastravel 卐 मराठी:- "हे सिंहा! ही तर अबला, एकटी मार्गात थकलेली क्षीण झालेली तसेच वियोगिनी आहे, तिला मारण्यात तुझा कोणता शूरपणा आहे? अथवा काय तुझी भूख शांत होणार आहे?"७७१| : English - Nal asked the lion if his hunger will be calmed and he will be called as, the courageous, for having killed a woman, who is exausted and enfebled by her solitude and who has been deserted by her beloved husband. ELESEASEEL F अवलोक्या कथं साम्ना हरिःन विरमत्यसौ॥ ततस्तं दानयोगेने देवीरक्षार्थमूचिवान् // 772 // अन्वयः- अवलोक्य कथमसौ हरिः साम्नान विरमति / तत: तं दानयोगेन देवीरक्षार्थम् ऊचिवान् // 772 // विवरणम:- अवलोक्य दृष्ट्रा ववति-कथमसौ हरि सिंह: साम्ना सामोपचरेण न विरमति। तर्हि तं दानस्य योग: दानयोगः तेन दानयोगेन देव्या: रक्षा देवीरक्षा देवीरक्षायै इदं देवीरक्षार्थ दमयन्तीरक्षणार्थम् ऊचिवान् उवाच // 772 // सरलार्थ:- अवलोक्य स: नलः वदति - असौ सिंह: सामोपचारेण न विरमति / अत: दानयोगेन तं सिंह देवीरक्षणार्थ स उवाच / / 772|| ગુજરાતી:- પછી, “અરે આ સિંહ શાંત વચનથી તો અટકાતો નથી,' એ જોઈ દાનના યોગથી દમયંતીનું રક્ષણ કરવા માટે તાણે 3- // 772 // हिन्दी :- फिर देखकर, "अरे। यह सिंह तोशांत वचन से रुकताही नही है।" दानयोगसे दमयंती का रक्षण करने के लिये उसे कहता है।॥७७२॥ मराठी:- नंतर पाह्न "अरे हा सिंह सामोपचाराने तर थांबत नाही," म्हणून दानाच्या योगाने दमयंतीचे रक्षण करण्यासाठी तो त्याला म्हणाला IIG72|| REETELESED P.P.AC. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust