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________________ PoweveNdaliKedavidager(श्रीजयशेखरसूरिविरचितं श्रीनलंदमयन्तीचरित्रम् )Nihaleshasechokavitagevised sevdPAYE ગજરાતી:- મનોહરદમયની!રણસંગ્રામમાં વિસ્તાર પામતું છે ભુજબળ જેનું, એવો આકાશીનગરનો રાજા નદી ગંગાની જેમ ત્રણ માર્ગે (ત્રણે જગતમાં) ફેલાયેલી છે. 50 ' हिन्दी:- हे सुन्दर दमयन्ति। यह काशीनगर का राजा है। इसके बाहुओं का बल रणसंग्राम में स्फुरण पाता है। इसकी यशरूपी नदी गङ्गा की तरह तीन मार्गोंमें (तीनों जगतमें) फैली हुई है। // 50 // मराठी:- हे सुन्दर दमयन्ति! हा काशीनगरचा राजा आहे. संग्रामात याचे बाहुबळ स्फुरण पावते. याची कीर्ति रूपी नदी गंगे सारखी तीन मार्गात (तिन्ही लोकांत) पसरली आहे. // 50 // English :- She say the king of Kashi who had spread his intrepidity and courage, throughout the battle field just by his mighty and mainly arms. Now just as the Ganges flow in three directions, in the same way his kudos and fame has flown into all the tree worlds. तदेनं वृणु कल्याणि, क्रीडितुं यदि वाञ्छसि। उपगलं लक्ष्यमाणा, साक्षाद् गङ्गेव देवता॥५१॥ अन्दव :: -हे कल्याणि। यदि साक्षाद् गङ्गा देवता इव लक्ष्यमाणा त्वं उपगऊं क्रीडितुं वाञ्छसि तद् एनं वृणु // 51 // विवरणम:-हे कल्याणि यदि साक्षाद् गङ्गा देवता इव लक्ष्यमाणा अवलोक्यमाना त्वं गङ्गाया: समीपम उपगलं क्रीडितं रन्तं वाछसि - इच्छसि तद एनं काशीपतिं वृणु। वरयस्व // 51 // सरलार्थ :- हे कल्याणि। यदि साक्षाद गङ्गा देवता इव लक्ष्यमाणा त्वं गङ्गायाः तीरं क्रीडिन्तु वाञ्छसि तद एनं काशीपतिं वर्ण // 51 // ગુજરાતી:- માટે તે કલ્યાણી સાક્ષાત ગંગાદેવીની પેઠે દેખાતી એવી તું, જે ગંગાના કિનારા પર કીડા કરવાની ઇચ્છા કરતી હોય, तोमाथीपतिने 12. // 11 // हिन्दी, इसलिए साक्षात् गंगादेवी के समान दिखनेवाली हे कल्याणी। अगर गंगा के किनारे पर क्रीडा करने की इच्छा हो, तो इस . काशीपति राजा को वर॥५१|| मराठी:- यासाठी हे कल्याणि| साक्षात् गंगादेवी प्रमाणे दिसणारी तू, जर गंगेच्या काठावर क्रीडा करण्याची इच्छा असेल तर, 听听听听听听听听听听听听听听听听听“家
SR No.036462
Book TitleNal Damayanti Charitrayam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJayshekharsuri, Sarvodaysagar
PublisherCharitraratna Foundation Charitable Trust
Publication Year
Total Pages915
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size93 MB
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