________________ Osmooveesuspecienous श्रीजयशेखरसूरिविरचितं श्रीनलदमयन्तीचरित्रम Nepresengerpreedevendrasangaontarg हिन्दी :- तुमने किधर भी वनमें दमयंती को खोजते हुए निरन्तर आंसुओद्वारा समस्त पृथ्वी को दलदलमय करते हुएनल को देखा है?||७२७|| पाहिले आहे काय? |727|| English :-Damyanti asked the beings, if they have ever seen her searching for her beloved Nal, night and day, with a continous flow of tears which had made the earth muddy and silmy. पिङ्गल: प्रोचिवानार्ये त्वक्ता त्वमसि तेन किम् // सबाष्पं दम्पयन्त्याख्यत् दोषं जानामि नात्मनः // 728 // अन्यथ:- पिङ्गल: प्रोचिवान् आयें। तेन त्वं किं त्यक्ता असि? तदा दमयन्ती सबाष्पम् आख्यत् - अहम् आत्मनः दोषं न जानामि // 728 // विवरणम:- पिङ्गल: प्रोचिवान प्रोवाच - आयें। तेन नलेन त्वं किमर्थ त्यक्ता असि। तदा दमयन्ती बाष्पेण सह यथा स्यात् तथा सबाष्पं साश्रुनयनम् (साश्रुनयना वा) आख्यत् अकथयत् - अहम् आत्मन: कमपि दोषम् अपराध: न जानामि/७२८॥ सरलार्थ:- पिङ्गल: प्रोवाच - आयें। तेन नलेन त्वं किमर्थ त्यक्तार तदा दमयन्ती प्रत्यवदत् - अहमात्मनः दोषमपराध न जानामि||७२८॥ ગુજરાતી:-તારે પિંગલે કહ્યું કે, હે આતેનલે તને શામાટે તજી દીધી છે? ત્યારે આંસુઓ લાવી દમયંતી બોલી કે હું મારો કંઈ પણ અપરાધ જાણતી નથી.I૭૨૮ हिन्दी :- तब पिंगलने कहा कि, "हे आर्ये! इस नलने तुम्हे क्यों त्याग दिया है?" तब आंसु-सहित वह बोली कि, "मैं मेरा दोष नही जानती।"||७२८॥ मराठी :- तेव्हा पिंगल म्हणाला की, "हे आयें। त्या नळाने तुला कां सोहन दिले?" तेव्हा अश्रु टाळीत दमयंती म्हणाली की, "मला माझा कोणताही अपराध (गुन्हा) माहित नाही."|७२८।। 她骗骗骗骗骗骗听听听听听听听听听听听限