________________ OKESeegusandasen TRANRAIN श्रीजयशेखरसूरिविरचितं श्रीनलदमयन्तीचरित्रम् NecessageseosseeRASHARASHTRA 卐हिन्दी :- तब गांधार ने क्रोधित होकर कहा कि,"हे मुग्धे। यह नल अब स्पर्श करने योग्य नही है। उसका नाम भी सुनने और लेने योग्य नही है। फिर भी तेरी इच्छा हो तो, तू उसे कहीं भी खोज।"॥७१७।। मराठी:- नंतर क्रोपानी गांधार म्हणाला कि, "अरे मुग्धे। हा नळ स्पर्श करण्यालायक नाही आणि त्याचे नाव पण ऐकण्या किंवा उच्चारण्यालायक नाही. तरी पण तुझी इच्छा असेल तर त्याला कोठेही शोष.७१७|| Enqush :- Then Ghander angrily said to Damyanti by addressing her as a damsel, that Nal is now an untouchable and his name is not fit to be heard or taken. Then to if she wishes to go in search of him, she may proceed doing so. भैम्यूचेऽस्थां सरस्यां मे भविष्यति गतोऽम्भसे॥ . सत्रान्वेषयिष्यामि ततो गान्धार ऊचिवान् / / 718 // समय:- भैमी ऊये * स: म अम्भसे अस्यां सरस्यांगत: भविष्यति। तद् अत्र अन्वेषयिष्यामि। तत: गान्धार: ऊचिवान् // 718 // विवरणमा- भीमस्य अपत्यं स्त्री भैभीदमयन्ती ऊचे बभाषेस:नल: मेमम कृते अम्भसे अम्भःजलम् आदातमं अस्यां सरस्यांगत: भविष्यनित तस्मात् कारणात् अहं तं नलम् अत्र सरसि अन्वेषयिष्यामि गवेषयिष्यामि। ततः तवनन्तरं गान्धार: ऊचिवान् उवाच॥७१८॥ सरतार्थ:- दमयन्ती अवोचत्-स: नल: मदर्य जलमानेतुं सरसीं गतः भविष्यति / अतः अहं तं नलम अस्यां सरस्यां अन्वेषवामि। तत. जम्पिार: कचिवान् / / 718 // 8 ગુર્જરની:- તયારે દમયંતી બોલી કે, તમારે માટે પાણી લેવા આ તળાવમાં ગયો હશે, માટે હું અહીં તેની શોધ કરીશ. ત્યારે ગાંધાર 34 ,1318 // हिन्दी :- तबदमयंती बोली कि, "वह मेरे लिये जल लेने इस तालाब में गया होगा। इसलिये मैं उनकी यहाँ खोज करूंगी।" तब गांधार कहने लगा ||718 // FF SKAARSVE P.P.AC.Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust