________________ OMovieossacreenerwardrysadev श्रीजयशेखरसूरिविरचितं श्रीनलदमयन्तीचरित्रम् JaderseasesedaarNepsease प्रणिपातमकृत्वैव समानैश्वर्यमागिव / आसाश्चक्र निराशङ्कः क्षितिपं निकषा नलः॥६७१॥ अन्यय:- तत: नल: समानैश्वर्यभाक् इव प्रणिपातम् अकृत्या एव निराशङ्क क्षितिपं निकषा आसाचना // 671 // विवरणम्:- ततः तदनन्तरं नल: समानं च तद् ऐश्वयं च समानैश्वर्यम् / समानश्वयं भजतीति समानैश्वर्यभाक्, समानैश्वर्यवान व प्रणिपातं प्रणाम अकृत्वा एव निर्गता आशङ्कायस्मात् सःनिराशङ्कःनिर्भय:, क्षितिं पृथ्वीं पातीति क्षितिपः,तं क्षितिपं भूपं निकषा समीपे आसाथऋ उपविवेश॥६७१॥ सरलार्थ:- ततः नल-मसाले ततः नल: समानैश्वर्यवाम् इव प्रणामम् अकृत्वा एव निराशङ्कः सन् दधिपर्ण नृपं निकषा उपविवेश // 671 // S骗骗骗骗骗骗骗骗骗骗骗骗骗骗骗%急 ગુજરાતી:- પછીનલ જાણે સમાન સમૃદ્ધિવાળો હોય તેમ પ્રણામ કર્યા વિના જ નિ:શંક થઈને રાજાની પાસે બેઠો. 971 灣骗骗骗骗骗骗骗骗骗骗骗骗骗骗骗骗骗微 हिन्दी :- फिर वह नल मानो समान ऐश्वर्यवान न हो, ऐसे बिना प्रणाम किये नि:शंक होकर, राजा के समीप जाकर बैठ गया। // 671 // मराठी:- मग तो नळ जणू समान ऐश्वर्य असलेल्या माणसासारखा राजाला प्रणाम न करताच नि:शंक होऊन राजाजवळ बसला. // 671 // English - Then the magestic and opulent Nal sat beside the king, without saluting or paying obeisance to the king. d abasi nindianslation