________________ arega sizesidueKHERAIdesee श्रीजयशेखरसूरिविरचितं श्रीनलवमयन्तीचरित्रम् )NidatestaTestufesbetevidatestate Petel - दुहितां चैवमूचे च मास्म कार्षीरनिर्वृतिम् / नलोऽप्योपयिकैस्तैस्तैर्वत्से सङ्घटयिष्यते // 623 // अन्वय: दुहिता (दुहितरं) च एवम् ऊचे। हे वत्से। अनिवृतिं मा कार्षी: स्मा नल: अपि तै: तै: औपयिकैः सङ्घटयिष्यते // SaasBEFFESSURE वरणम् :- दुहिता (दुहितरं) कन्यां दमयन्तींच ऊचे बाषे। हे वत्सेन निवृति: अनिर्वृति: ताम् अनिर्वृति चिन्तामा कार्षीः स्म। चिन्तां मा कुरु।नल: अपि तै: विविधैः औपयिकैः उपायैः त्वया सह संघटयिष्यते॥६२३॥ . મને ગુજરાતી:- પછીતે પુત્રીને (તેણે) એમ કહ્યું કે, હે વત્સ! તારે ચિંતા કરવી નહી. જે તે ઉપયો વડેનલનો પણ તેને મેળાપ થઈ 卐 हिन्दी:- फिर उसने पुत्री से कहा कि, 'हे वत्से? तू चिंता मत करो, कई प्रकार के उपायों से नल का भी मिलाप हो जायेगा // 623 // पर मराठी:- नंतर भीमराजा दमयन्तीला म्हणाला- तू चिन्ता करू नकोस. नल राजालासुब्दा विविध उपायांनी मी तुला भेटवीन. // 623 // English - Then addressing his daughter, The king asked his daughter to stop lamenting about her long . last husband as the are bound to meet him by hook or crook and by all means. P.P. Ac. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust