________________ RADHAmastotressesgodassoश्रीजयशेखरसूरिविरचितं श्रीनलदमयन्तीचरित्रम् BRABBARABARRABARISHORE दृष्ट्रा च पितरौ भैमी तूर्णमुत्तीर्य वाहनात् / प्रेम्णाऽनमत्तयोः पादौ भक्त्येव गुरुपादयोः // 614 // अन्वय :- भैमी पितरौ दृष्ट्वा सूर्ण वाहनात् उत्तीर्य भक्त्या गुरुपादयो: इव प्रेम्णा तयोः पदौ अनमत् // 614 // विवरणम:- भीमस्यापत्यं स्त्री भैमी भीमराजपुत्री दमयन्ती माता च पिता च पितरौ दृष्ट्वा विलोक्य तूर्णं झटिति वाहनात् यानात् उत्तीर्य अवतीर्य भक्त्या महताभावेन गुरोः पादौ गुरुपादौ, तयोः गुरुपादयोः इव प्रेम्णा महता स्नेहभारेण तयोः पित्रो: भीमपुष्पदन्त्योः पादौ चरणौ अनमत् अवन्दत // 614 // सरलार्थ :- दमयन्ती मातरह पितरं च राष्ट्रवा झटिति यानात् अवातरत् / यथा भक्त्या गुरोः पादौ वन्येते तथा प्रेम्णा तयोः पित्रोः पदी अनमत् / / 614 // ગુજરાતી :- પછી (પોતાના) માતાપિતાને જોઈને દમયંતી તરત વાહન પરથી નીચે ઉતરીને, ભકિતથી જેમ ગુરૂમહારાજના ચરણોમાં નમે, તેમ તેણીએ પ્રેમપૂર્વક તેમના ચરણોમાં નમસ્કાર કર્યા. 614 हिन्दी :- फिर (अपने) मातापिता को देखकर दमयंती उसी क्षण वाहन से नीचे उतरी और गुरूमहाराज के चरणों को भक्ति से वन्दन करते है उसीप्रकार प्रेमपूर्वक उसने मातापिता के चरणोमें प्रणाम किया // 614 // मराठी:- नंतर दमयन्ती आपल्या आई-वडिलांना पाहन प्रेमभराने ताबडतोब वाहनातून खाली उतरली, व भक्तीने गुरुच्या चरणांना वन्दन करावे त्याप्रमाणे तिने आई-वडिलांच्या चरणांना नमस्कार केला. // 614|| English: Now when Damyanti sees her parents she atonce gets off from her carrier and pays her respects to her parents just as one pays his respects to a religious perceptor. S