________________ BREONamasteeurseservation श्रीजयशग्वरमार्गवर्गचनं श्रीनलदमयन्तीरित्रम Navavarsdeseseasesterday मौलीकृत्य करौ स्माह, केयं ते देवि दुर्दशा॥ यदेवं तुहिनक्लान्ता, नाङ्गवल्लीव दृश्यसे॥५७९॥ अन्यय :- करौ मौलीकृत्य आह स्म - देवि! ते इयं का दुर्दशा? यद् एवं तुहिनक्लान्ता नागवल्ली इव दृश्यसे // 579 // विवरणम् :- करौ हस्तौ मौलौ मस्तके कृत्वा मौलीकृत्य आह स्म ब्रवीति स्म। हे देवि! ते तव इयं का दृष्टा दशा दशा? यद् एवं तुहिनेन हिमेन क्लान्ता म्लाना तुहिनक्लान्ता नागवल्ली इव दृश्यसे // 579 // पसरलार्य :- हस्तौ मस्तके कृत्वा अवदत्-हे देवि। तव इयं का दुर्दशा? यद एवं हिमेन म्लाना नागवल्ली इव एश्यसे / / 579 / / ગુજરાતી - પછી પોતાના હાથોને મુકુટરૂપ કરીને (જોડીને) તે બોલ્યો કે, હે દેવી! તમારી આવી દુર્દશા કેમ થઈ? કે જેથી આવી રીતે હિમથી કરાયેલી નાગવલ્લી સરખાં તમો દેખાઓ છો. પ૭૯ हिन्दी :- फिर खुदके हाथ जोडकर वह बोला कि, "हे देवी! तुम्हारी ऐसी दुर्दशा क्यों हुई? जिससे ठंड से मुरझाई हुई नांगवल्ली के समान आप दिखाई दे रही हो।"||५७९॥ 卐मराठी :- नंतर स्वतःचे हात जोड्न तो म्हणाला की, "हे देवी। तुझी अशी दुर्दशा का झाली? की ज्यामुळे बर्फाने करपून गेलेल्या नागवल्लीप्रमाणे त् दिसत आहेस." ||579 // Offi5555555555 English - Then joining his hands, he asked Damyanti the reason for such a forlorn state and as to why she ____ seems to be sowittered off, like the snake-creeper dipped in ice. P.P.AC.Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust