________________ OMGNRAIBARABARABARI श्रीजयशेखरसरिविरचितं श्रीनलदमयन्तीचरित्रम् Bedressagessagaraatvisbandaree ला प्रविशन्नेव तत्राग्रे, दमयन्तीमवेक्ष्य सः॥ उपलक्ष्य प्रफुल्लाक्षः, प्रणनाम प्रमोदभाक्॥५७८॥ अन्वय:- तत्र अग्रे प्रविशन् एव स: दमयन्तीम् अवेक्ष्य उपलक्ष्य प्रफुल्लाक्ष: प्रमोदभाक् प्रणनाम।। विवरणम् :- तत्र तस्यां भोजनशालायाम् अग्रे प्रविशन एवस: बटुः दमयन्तीम अवश्य अवलोक्य उपलक्ष्य प्रफुल्ले अक्षिणी यस्य सः प्रफुल्लाक्ष: विकसितनयन:प्रमोदम् आनन्दं भजति इति प्रमोदभाक् प्रणनाम प्राणमत् दमयन्तीं दृष्टा विकसितनयन: सन् तां प्राणमत्॥५७८॥ सरलार्य :- तत्र अये प्रविशन् एव सः बटुः दमयन्तीम् अवलोक्य उपलक्ष्य विकसितनवनः प्रमोदभाक् प्राणमत् / / 578 // ગુજરાતી - ત્યાં પ્રવેશ કરતાં જ આગળના ભાગમાં દમયંતીને જોઈને, તથા ઓળખીને વિકસિત ચક્ષુઓવાળો અને હર્ષિત થયેલો તે બટુક તેણીને નમો.૫૭૮ हिन्दी :- वहाँ प्रवेश करते ही सामने दमयंती को देखकर और पहचानकर आनंद से प्रफुल्लित हुओ बटुकने उसको नमन किया // 578 // मराठी:- तेथे प्रवेश करताच समोर दमयंतीला पाह्न आणि ओळवून विकस्वर डोळे असणाऱ्या आणि आनंदित झालेल्या त्या बटुकाने तिला नमन केले. // 578 / / 骗骗骗骗骗骗骗骗骗骗骗骗骗骗骗骗 -Foldog. English - Then as he entered the school, his eyes fell on Damyanti and it recognized her as it swelled up with astonishment and utter happiness and he bowed down to her.