________________ MOSeriendrasgeerम RAWarkarBANDHANजयशेखरमरिविरचितं श्रीनलदमयन्तीचरिश्रम Prograssedusardasgandane श्रीजयशेखरसूरिविरचित श्रीनलदमयन्ताचारमा .. वैदर्भी च पुरोपान्तवाप्यां तृष्णातुराविशत् // . पौरीभिर्जलदेवीव, वीक्ष्यमाणा सविस्मयम् // 508 // ... . अन्यय:- पौरीभिः सविस्मयं जलदेवी इव वीक्ष्यमाणा तृष्णातुरा वैदर्भी पुरोपान्तवाप्याम् आविशत् // 508 // विवरणम् :- पुरेभवा: पौरा: पौराणां स्त्रियः पौर्यः। पौरीभिः विस्मयेन आश्चर्येण सह यथा स्यात् तथा सविस्मयंजलस्य देवी जलदेवी श्व वीक्ष्यमाणा अवलोक्यमाना तृष्णया आतुरा तृष्णातुरा तृषिता वैदर्भी दमयन्ती वाप्याम् आविशत् प्राविशत् // 508 // सरलार्य :- पौरीभिः सविस्मयं जलदेवी इव अवलोक्यमाना तृषातुरा दमयन्ती वाप्यां प्राविशत्॥५०८।। ગુજરાતી:- પછી તે નગરની સ્ત્રીઓ આચર્યથી જલદેવીસમાન દમયંતીને જોવા લાગી, અને દમયંતી તૃષાતુર થવાથી નગરની પાસે રહેલી એક વાવડીમાં (જલપાન માટે) ગઈ. 508 हिन्दी :- फिर नगर की स्त्रियाँ आश्चर्य से जलदेवी समान दिखती हुई दमयंती को देखने लगी और दमयन्ती तृषातुर होने से नगर के समीप एक छोटे तालाब में जलपान के लिये पहुंची।५०८।। मराठी :-. नंतर नगरातील स्त्रिया आश्चर्याने जिला जलदेवीप्रमाणे पाहात आहेत. अशी तहानलेली दमयंती नगराजवळ असलेल्या एका विहिरीजवळ पाणी पिण्याकरिता दाखल झाली. // 508 // English :- The woman of the village were astonished to see the beauty and glamour of Damyanti who seemed like the Goddess of aqua when she had gone to drink some water from the well near the city as her throat was parched due to exhaustion. 听听听听听听听听听听听听听听蜀騙