________________ SAMshatestnershetraharashatans श्रीजयशेखरसूरिविरचितं श्रीनलदमयन्तीयरिणम् asanresentrestnutesentestedaareA इति स्ववृत्तमाख्याय, साधर्मिक्यै स धार्मिकः॥ अवोचत्तां स्ववृत्तान्ताख्यानेनानुगृहाण माम्॥५०३॥ आख्याय स: पार्मिक: साधर्मिक्यै इति स्ववृत्तमाख्याय अवोचत् * स्ववृत्तान्ताख्यानेन माम् अनुगृहाण // 503 // विवरणम् :- इति एवं स्वस्य वृत्तं स्ववृत्तं स्ववृत्तान्तम् स: धार्मिक: वणिक समान: धर्मः यस्याः सा सापर्मिकी तस्यै साधर्मिक्यै बमयन्त्यैाख्याय अवोचत स्वस्य वृत्तान्तः स्ववृत्तान्त: स्ववृत्तान्तस्य आख्यानंस्ववृत्तान्ताख्यानं तेन स्ववृत्तान्ताख्यानेन स्ववृत्तान्तकवनेन माम् अनुगृहाण मयि अनुग्रहं कुरु // 503 // माला :- एवं स्ववृत्तान्तं कथयित्वा सः पार्मिकः वणिक साधर्मिक्ये दमयन्त्यै अवदत् स्ववृत्तान्तकथनेन माम अनुगीच // 50 // થતી -એવી રીતે ધાર્ષિક વણિકે પોતાની સાધર્ષિક એવીતે દબદતીને પોતાનું વૃત્તાંત કહીને, તેણીને કહ્યું કે, હવે તમારું quaindaiनीमा 5235 . // 50 // . दी.. इस तरह उस धर्मनिष्ठ बनिये ने अपनी साधर्मिक दमयन्ती को अपना वृत्तांत कहकर उससे कहा कि अब तुम्हारा वृत्तांत कहने की मुझ पर कृपा करो। // 503|| . मराठी:- अश्वारीतीने त्या पार्मिक वाण्याने आपला सर्व वृत्तान्त सापर्मिक दमवन्तीला सांगितला आणि म्हणाला- हे साथमिकि। आता तुझा वृत्तांत सांगण्याची माझ्यावर कृपा कर। / / 503 / / English - In this way the religious tradesman blurted out his whole auto-biography and asked his co-camper Damyanti to do a favour on him by giving out her biography. P.P. Ac. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust