________________ SeedssestareAalesale श्रीजयशेखरसूरिविरचितं श्रीनलदमयन्तीचरित्रम् ) Reversearnusedusersipelan भूयोऽपि भीमभूर्यान्ती, धनलक्ष्मीरियाङ्गिनी॥ परिश्रमानुपाविक्षवधोन्यग्रोधपावपम् // 480 // अन्वय:- अनिनी वनलक्ष्मी: इव भीमभूः भूय: अपि यान्ती परिश्रमात् न्यग्रोधपापम् अध: उपाविक्षत् // 48 // .. विवरणम् :- अङ्गम अस्याः अस्ति इति अजिनीशरीरिणीमूर्तिमतीवनस्यलक्ष्मी: बनलक्ष्मी: इव, भीमात् भवति इति भीमभः दमयन्ती भूयः पुनरपि यान्तीगच्छन्ती परिश्रमात् पावै: पिबति शति पावपः न्यग्रोधस्य पादप:न्यग्रोषपादपःतंन्यग्रोषपावपम अध: नीचैः उपाविक्षत् उपाविशत् // 48 // सरलार्थ :- शरीरिणी वनलक्ष्मीः इव दमयन्ती पुनरपि गच्छन्ती परिश्रमात् न्यदोषपादपम् अव: उपाविशत् / / 480 // . ગજરાતી :-જાણે દેહધારી વનની લક્ષ્મી હોય તેમ દમયંતી વળી આગળ ચાલતી થાક લાગવાથી એક વડના વથાની નીચે છે // 48 // ઇના ની નીચે બેઠી FASEANALYSENTENTIANE हिन्दी.. मानो देहधारी वन की लक्ष्मी न हो ऐसी दमयन्ती फिर भी आगे चलती हुई थक जाने से एक बरगटलेवार // 480 // मराठी:- जण देहधारी वन-लक्ष्मीच अशी ती दमयंती पुन्हा चालता चालता थकल्यामुळे एका वहाच्या हाखाली English:- Damyanti seemed like the incamate of Goddess Laxmi of the forest as she when she was tired and exhausted of walking, she sat down under a banvan tree