________________ HAROSATARAvongrespearePRA श्रीजयशेवग्मृरिविरचितं श्रीनलदमयन्तीचरित्रम Presedusanauspaprsuspeave SaFFFFFF प्रेयुग्याधिरूढा तु, भैमी दूरं गता परम्॥ नलं वा नलवार्तायाः, कथकं वापिनैक्षत // 46 // अन्वय:- प्रेमयुग्याधिरूढा तु भैमी दूरं गता। परं नलं वा नलवार्ताया: कथकं क्यापि न ऐक्षत // 46 // विवरणम:- युगं वहति इति युग्य: अश्वः प्रेम एव युग्य: प्रेमयुग्यः प्रेमयुग्यम् अधिरूढा प्रेमयुग्याधिरूढा प्रेमाश्वोपविष्टा भीमस्य अपत्यं स्त्री भैमी दमयन्ती दूरंगता। परं किन्तु नलं वा नलस्य वार्ता नलवार्ता, तस्याः नलवार्तायाः कथयति इति कथक: तं कथकं क्वावि कुत्रापि न ऐक्षत न अपश्यत् // 46 // सरलार्थ :- प्रेमाश्वोपविष्टा दमयन्ती तं पान्धम् अन्वेष्टुं रंगता, किन्तु नलं वा नलवार्तावा: कथकं कुत्रापि न अपश्यत् // 46 // 1 ગજરાતી:- પ્રેમરૂપી વાહન પર ચડેલી દમયંતી તો ઘણે દૂર સુધી નીકળી ગઈ પરંતુ ક્યાં પણ નારાજને અથવા નલરાજના સમાચાર કહેનાર મુસાફરને તેણીએ જોયો નહીં. 463 हिन्दी:- प्रेमरूपी वाहन पर सवार दमयंती तो बहुत दूर तक निकल गयी लेकिन कहीं भी नलराजा अथवा नलराजा के समाचार कहनेवाले मुसाफिर को उसने देखा नहीं // 463|| मराठी :- प्रेमरूपी वाहनावर आरुढ झालेली ती दमयंती खूप दूरवर नियून गेली. परंतु तिला कुठेही नलराजा किंवा त्यांची बातमी देणारा तो वाटसरु दिसला नाही. // 46 // English - She then entered the carrier of love and travelled high and low in search of her husband or in search of the messenger. P.P.AC.Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust