________________ ASSASARASHTRAangase श्रीजयशेखरसूरिविरचितं श्रीनलदमयन्तीचरित्रम् BAROBARABogasatar प्राग्जन्मवृत्तं वृत्तान्तं, समस्तमपि तत्क्षणात् // अहं साक्षादिवावर्शमादर्श इव बिम्बितम् // 430 // अन्वय:- तत्क्षणात् अहम् आदर्श बिम्बितम् इव समस्तम् अपि प्राग्जन्मवृत्तान्तं साक्षात् अवर्शम् // 430 // विवरणम् :- सचासौ क्षणश्च तत्क्षण: तस्मात् तत्क्षणात्, अहं आदर्श बिम्बितम् श्व समस्तं सर्वम् अपि प्राक् च तद् जन्मच प्राग्जन्म, प्राग्जन्मनत्तान्त: प्राग्जन्मवृत्तान्तः तं प्राग्जन्मवृत्तान्तं साक्षात् अदर्शम् अपश्यम् // 430 // सरलार्थ :- तत्क्षणात् अहम् आदर्श विम्बितम् इव अखिलम् अपि पूर्वजन्मन: वृत्तान्तं साक्षात् अपश्यम् / / 430 / / ગુજરાતી:- પછી જાણે સાક્ષાત અરિસામાં પ્રતિબિંબિત થયું હોય તેમ હું તે જ ક્ષણે મારા પૂર્વ જન્મમાં બનેલા સર્વવૃત્તાંતને જેવા बायो. FBEATABLESSELSELEADEFre 喝听听听听听听听听听听听听听听听听 हिन्दी :- उसी क्षण मेरे पूर्व जन्म का सारा वृत्तांत जैसे आइने में प्रतिबिम्बित हुआ हो ऐसा मैने साक्षात् देखा // 430 // मराठी :- त्याक्षणीच मला माझ्या पूर्वजन्मातील सारा वृत्तान्त आरशात प्रतिबिंबित झाल्याप्रमाणे साक्षात् दिसला. / / 430 // English - Then just as one sees his/her reflection in a mirror, in the same way he happened to see clearly all the happenings about his past life.