________________ OMPHORRORISARREARRIANRASAD श्रीजयशेखरसूरिविरचितं श्रीनलदमयन्तीचरित्रम् PRATABASANTARSeg 卐 विवरणम् :- नाथे पत्यौ सति अपि मयि, इयं न विद्यते नाथ: यस्याः सा अनाथा नाथरहिता / निर्गत: मदः यस्याः सा निर्मदा अपि卐 उन्मविष्णुः इव, भूमौ समा शयिता इयं दृष्टा अपि नलस्य प्रलयाय विनाशाय कथं न भवति / नलं किमर्थन विनाशयति।।२९७॥ सरलार्य :- मवि नाघे सति अपि इवं दमवती अनाथा, निर्मदा अपि उन्मदिष्णुवत् इवं भूमौ शविता हा अपि नलस्य विनाशाय कि न भवति / / 297|| ગુજરાતી:- હું નાથ છતાં પણ આ અનાથ સરખી થયેલી, મદરહિત છતાં પણ ઉન્મત્તની પેઠે (નિરાંતે) જમીન પર સૂતેલી મા દેખાય છે, છતાં પણ નવના વિનાશ માટે (નિમિત્ત) થતી નથી (અર્થાત આવા નિદર્યનલનો કેમ વિનાશ કરતી नधी?) // 28 // हिन्दी:- मैं नाथ होते हुए भी अनाथ जैसी हो कर, मदरहित होते हुए भी उन्मत्त जैसे जमीन पर सोयी हुई दिखाई दे रही है, फिर भी नल का विनाश क्यों करती नही? // 297|| मराठी:- मी नाप अस्न सुप्दा अनाथ झालेली ही दमयंती, मदरहित असून सुब्बा उन्मत्ता प्रमाणे जमिनीवर झोपलेली दिसत आहे, तरीपण नलाचा विनाश का करीत नाही? // 297|| English :- He says that, Damyanti will be taken as an orphan, even after having a husband. She seem to be lying on the ground with no feeling of vanity or arrogance but she seems to be insane and intoxicated with anger, but still does not finish him. इयमेकाकिनी त्यक्ता, मयारण्ये दुरात्मना। प्रबुध्दा प्राणितेनापि, त्यक्ष्यते स्पर्धयेव मे॥२९८॥ अन्वय :- दुरात्मना मया अरण्ये एकाकिनी त्यक्ता इयं प्रबुध्दा मे स्पर्धया इव प्राणितेन अपि त्यक्ष्यते // 298 // ॐ P.P.AC. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust