________________ RETARIANESABoarn श्रीजयशेखरसूरिविरचितं श्रीनलदमयन्तीचरित्रम् dowendrease Boadseasesasex विवरणम् :- दुष्टः आत्मा यस्य सः दुरात्मा तेन दुरात्मना मया अरण्ये विपिने एकाकिनी त्यक्ता इयं दमयन्ती यदा प्रबुध्दा जागरिता भवेत् तदा मम स्पर्धया इव प्राणितेन जीवितेन अपि त्यक्ष्यते // 298 // सरलार्य :- दुरात्मना मया अरण्ये एकाकिनी त्यक्ता इयं दमयन्ती प्रबुप्दा चेत् मम स्पर्षया इव जीवितेन अपि त्वक्ष्यते // 298 // ગુજરાતી :- મેંદબંધિએ આ દમયન્તીને એકલી વનમાં તાજેલી છે, અને તેથી જ્યારે તે જાગશે, ત્યારે (ભાગમાં) મારી સ્પર્ધા કરતી હોય તેમ તે શરીરને પણ ત્યજશે. (અર્થાત તે અપઘાત કરી મરણ પામશે.)u૨૯૮ हिन्दी... मैं दर्बुद्धि से इस दमयंती को अकेली वन में छोडकर आया हूँ, जिस से वह जब जागेगी तब वह मानो मेरी स्पर्धा में शरीर का त्याग करेगी (याने आपघात से मर जायेगी।) // 298 // 'मराठी:- दुष्ट बुब्दी असलेल्या मी दमयन्तीला एकटीला अरण्यात सोडले आहे. जेव्हा ती जागी होईल तेव्हा तिला जण काय माझ्या स्पने प्राणसुदा सोडून जातील. ती प्राणत्याग करील. // 298 // English :- King Nal then says that it was his stupidity and evil-mindedness to have left Damyanti in the jungle, for which when she wakes up and understands his action which is done, might not be able to control herself and might commit a tragedous deed. %%%听听听听听听%%%%%%%% . तत: पतिव्रतामेतां, विप्रतार्य न यास्यते॥ दु:खं वापि सुखं वापि, सार्धमस्त्वनयैव मे // 29 // अन्वय :- तत: पतिव्रताम् एतां विप्रतार्य न यास्यते। दु:खं वापि सुखं वापि मे अनया सार्धम् एव अस्तु // 29 // विवरणम् :- तत तदनन्तरं पति: एव व्रतं यस्याः सा पतिव्रता तां पतिव्रतां सतीम् एतां दमयन्तीं विप्रतार्य विप्रलभ्य न यास्यते मयान गम्यते। दु:खं वापि सुखंवा अपि मे मम अनया दमयन्त्या साधंसह एव अस्तु // 29 // / सरलार्य :- तदनन्तरं पतिव्रताम् एतां दमयन्तीं विप्रलभ्य गन्तुं न युज्यते। दुःखं वापि सुखंवापि मम अनया सह एव अस्तु / / 299 / /