________________ ORRORSadavBose श्रीजयशेखरसूरिविरचितं श्रीनलदमयन्तीचरित्रम् souveos son . शुत्क्षामाङ्गीविशरणा, प्रावृतैकपटाम्बरा॥ वनभूमौ हहा सेयं, शेते भीमसुताधुना // 28 // gi अन्वय :- हहा सा इयं भीमसुता क्षुत्क्षामाजी विशरणा प्रावृतैकपटाम्बरा अधुना बनभूमौ शेते॥२८॥ गम् :- हहा खेदे सा इयं भीमस्य सुता तनया भीमसुता दमयन्ती क्षुधा क्षामं क्षुत्क्षामं क्षुत्क्षामम् अङ्गं यस्याः सा क्षुत्क्षामाजी विगतं शरणं रक्षणं यस्याः सा विगतशरणा अशरणा एकं च तत् पटाम्बरंच एकपटाम्बरं प्रावृतं एकपटाम्बरं यया सा प्रावृतैकपटाम्बरा, एकवस्त्रधरा अधुना इदानीं वनस्य भूमि: वनभूमि: तस्यां वनभूमौ शेते स्वपिति // 28 // सरलार्य :-. हहा। सा इवं भीमसुता दमयन्ती क्षुत्क्षामाजी अशरणा एकवस्त्रपरा अधुना वनभूमौ स्वपिति / / 281 // kગજરાતી - તે આ દમયંતી, અરેરે! શ્રદ્ધાથી શીણ શરીરવાળી, તથા પહેરેલા ફક્ત એક જ એકવડાં વસવાળી આ વખતે આવી (42) बनी मि 52 सूती छ। // 28 // 卐हिन्दी :- ऐसी वह दमयंती, अरेरे। क्षुधा से क्षीण शरीरवाली, सिर्फ एक ही वस्त्र में और थकी हुई इस भयंकर जंगल की भूमि पर सोई हुई है॥२८१॥ मराठी :- , अरेरे। ती ही भुकेने क्षीण शरीर झालेली जिचे रक्षण करणारा कोणीही नाही. एक वस्त्र नेसलेली दमयन्ती आतां वनातील जमिनीवर झोपली आहे. // 281 // REnglish :- So, he says that, this Damyanti who is famished with hunger and who has turned feeble and effete due to exhaust and weariness, is here lying on the ground with just one garment covering her in this deadly and hazardous jungle. Jun Gun Aaradhak Trust P.P.AC.Gunratnasuri M.S.