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________________ Cousiessazersndasesed श्रीजयशेखरसूरिविरचितं श्रीनलदमयन्तीचरित्रम् weddrescusandasenausesseduse ગજરાતી:-તે વખતે ફક્ત એક વસવાળી દમયંતીને જોઈને, ચાલતા એવાનગરના લોકોની આંખોનવાબેથની પેઠે અaધારાઓ અને કુબર પરના ક્રોધને વરસાવવા લાગી. 190 3 हिन्दी :- उस वक्त केवल एक वस्त्रवाली दमयंती को देखकर नगरवासीयों की आँखें बरसते मेघ के समान अश्रुधारा से और कुबर . पर क्रोध से बरसने लगी॥१९०॥ 3 मराठी :- तेव्हां केवळ एक वस्त्र असलेल्या दमयन्तीला पाहन चालणान्या नगरतील लोकांनी वर्षाऋतूतील नवीन मेघ ज्याप्रमाणे मुसळधारांनी पाऊस पाहतो. त्याप्रमाणे अर्धेच्या पारा वाहवन कुबरावर क्रोष प्रकट केला. // 190 / / English :- As Damyanti was living the Kingdom with whatever clothes she had worn only the subjects of the Kingdom started weeping (like the showering rain) feeling sad for her and showered anger on Kubar. अथानुव्रजतो लोकान, बभाषे निषधाधिपः॥ . निर्ममत्वकठोरात्मा, प्रपित्सुरिव संयमम् // 19 // अन्वय:- अथ निर्ममत्वकठोरात्मा निषधाधिप: संयम प्रपित्सुः इव अनुव्रणत: लोकान् बभाषे // 19 // विवरणम् :- अथ निर्गतं ममत्वं यस्मात् सःनिर्ममत्वः / निर्ममत्वश्चासौ कटोरवासौ निर्ममत्वकठोरः। निर्ममत्वकठोर: आत्मा यस्य स: निर्ममत्यकठोरात्मा निषधानाम् अधिपः निषधाधिप: नल: संयमं वीक्षा प्रपत्तुम् इच्छु: प्रपित्सः ईप्सुः इव अनुव्रजतः * अनुगच्छत: लोकान् जनान् बभाषे अभाषत // 19 // सरलार्य :- अप निर्ममत्वकठोरात्मा नल: दीक्षाम् ईप्सुः इव अनुगच्छत: लोकान् बभाषे / / 191 / / ગુજરાતી:- પછી મમતારહિતપણાથી કઠણ થયેલ હૃદયવાળોનલરાજ, જાણે ચારિત્રલેવાની ઇચ્છા કરતો હોય તેમ(પોતાની) - પાછળ આવતા લોકોને કહેવા લાગ્યો કે, 1915 हिन्दी :- फिर ममतारहित कठोर हृदय है जिसका ऐसानलराजा जैसे चारित्र (दीक्षा) लेने की इच्छा करतानही हो। ऐसे पीछे आते लोगों को कहने लगा कि,॥१९१॥ P.P.AC. Gunratnasuri M.S.
SR No.036462
Book TitleNal Damayanti Charitrayam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJayshekharsuri, Sarvodaysagar
PublisherCharitraratna Foundation Charitable Trust
Publication Year
Total Pages915
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size93 MB
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