________________ ORORSASRPRISResusagesdog श्रीजयशेखरसूरिविरचितं श्रीनलदमयन्तीचरित्रम् ANAASANAMSASHARANPARADHANRATION EASE ગુજરાતી :- માટે હે સ્વામી! અમો આપની સાથે આવી શકીએ તેમ નથી, હવે તો સ્ત્રી, નોકર, પુત્ર કે મંત્રીનાં કાર્ય આવનારી આ * એક દમયંતી જ આપની સાથે આવશે. ૧૮પા. हिन्दी :- इसलिए हे स्वामी! हम तुम्हारे साथ आ सकें ऐसा नही है, अब तो स्त्री, नोकर, पुत्र या मंत्री का कार्य करनेवाली यह एक दमयंती ही आप के साथ आयेगी॥१८५॥ मराठी :- म्हणून हे स्वामी! आता आम्ही तुमच्या बरोबर येत नाही. तुमच्या बरोबर येणारी दमयन्ती पत्नीच तुमचे नोकर, पुत्र व अमात्य आहे.।।१८५|| English - So they said that, they couldn't go along with him and only Damyanti who has to do the role of a wife, a servant, a son and a minister (all in one) has to go with him. ततो राजाङ्गजा सूर्यम्पश्येयं राजवल्लभा॥ मूढाझी पथिकीभावं, कथं नाथ प्रापत्स्यते // 186 // अन्या :- तत: आसूर्यम्पश्या राजाङ्गजा मृखनी इयं राजवल्लामा हे नाथ / पथिकीभावं कथं प्रपत्स्थत।।१८६॥ विवरण :- ततः तस्मात् कारणात् सूर्य न पश्यति इति असूर्यम्पश्या अङ्गात् जायते अङ्गजा तनया राज्ञः अङ्गजा राजाङ्गजा मदनि अङ्गानि यस्याः सामृबजी श्यं वमयन्ती राज्ञः वल्लभा राजवल्लभा हे नाथ। पथिक्या: भाव: पथिकीभाव: तं पथिकीभावं कथं प्रपत्स्यते प्राप्स्यते // 186 // भरलार्य :- ततः असूर्यम्पश्या राजतनया मृद्रली राजपत्नी इवं दमवन्ती हे नाथा पथिकीभावं कथं प्रापयते // 18 // ગજરાતી : અને જેણે સૂર્યને પણ એવો નથી એવી, રાજાની પુત્રી, અને રાજ્યમાં માનીતી, તથા કોમળ શરીરવાળી આ દમયંતી, હે સ્વામી! રીતે મુસાફરીનું કષ્ટ સહન કરી શકશે? ૧૮દા. हन्दी:- जिस ने सूर्य भी देखा नही, ऐसी राजकुमारी और राज्य में सभी की लाडली, तथा कोमल शरीरवाली दमयंती, हे स्वामी। सफर का कष्ट कैसे सह सकेगी? // 186 // P.P.AC. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust