________________ T - OKHOBABN8RINewधीजयशेखरसरिविरचितं श्रीनलवमयन्तीचरित्रम HarAsahasahasangrandsaina / सप्रियेण नलेनाथ, नेमाते पितरौ मुदा // "प्रीताभ्यामभ्यनंघेतां, तौ च ताभ्यां प्रियाशिवा // 106 // अन्यय :- अथ सप्रियेण नलेन मुदा पितरौ नेमाते। प्रीताभ्यां ताभ्यां प्रियाशिषा तो अभ्यनन्धेताम् // 10 // विवरणम् :- अथ प्रियया सहित: सप्रिय: तेन सप्रियेण पत्नीसहितेव, नलेन मुदा हर्षेण माता च पिता च पितरौ नेमाते अनम्येताम्। प्रीताभ्यां आनन्दिताभ्यां ताभ्यां मातापितृभ्यां प्रिया चासौ आशीश्च प्रियाशी: तया प्रियाशिषा प्रियेण आशीवदिनच तो वधूवरौ अभ्यनन्घेताम् // 106 // सरलार्थ :- अथ पत्नीयुक्तेन नलेन हर्षेण पितरौ प्राणम्येताम् प्रीताभ्यां पातापितृभ्यां च नलदमयन्त्यौ अभ्यनन्येताम् / / 106 // ગુજરાતી:- પછી પ્રિયા સહિત નલરાજાએ હર્ષથી માતાપિતાને નમસ્કાર કર્યા, અને આનંદ પામેલાતે માતાપિતાએ તેઓ બન્નેને શુભ આશિષ આપ્યા./૧૦૬ हिन्दी :- . फिर प्रियासहित नलराजा ने हर्ष से मातापिता को प्रणाम किया, और आनंदित हुए मातापिता ने उन दोनों को शुभ आशीर्वाद देकर हर्षित किया // 106|| . .. मराठी :- नंतर प्रिये सह नलराजाने आनंदाने आईवडिलांना नमस्कार केला आणि आनंदित झालेल्या आईवडिलांनी त्या दोघांना शुभाशीर्वाद देऊन आनेद प्रकट केला. // 106 / / ... English - Then along witih his love, Damyanti, he entered the city and happily bowed down to his parents and seeing them in proper health and gaiety, he was at utmost bliss. EEEEEEEEEEEEEEEEEEF