________________ PASSON SAPPATRA श्रीजयशेखरसूरिविरचितं श्रीनलदमयन्तीचरित्रम् SuprepaBARRAvedos FF भैम्युद्धासुधासेक- सांद्रसौभाग्यपादपः॥ शुभेऽह्नि प्राविशत्तत्र, नल: प्रस्तुतमंगलः // 10 // अन्वय :- भैम्युद्धासुधासेक - सान्द्रसौभाग्यपादप: मल: प्रस्तुतमाल: शुभेजति तत्र प्राविशत् // 10 // विवरणम् :- भीमस्य अपत्यं स्त्रीभैमी दमयन्ती|भैम्याउदवाह: विवाह भैम्युबाहः। भैम्युवाहवसुषाभैम्युबहसुपा। भैम्युद्धासुधया सेक: सिशनं सुधासेक: तेन सान्द्रः गाढः सौभाग्यमेव पादप: यस्य सः भैम्युबाहसुपासेकसान्द्र-सौभाग्यपावपः, यस्य सौभाग्यं भैम्या सह उबाहेन प्रगाढम् अभूत स:नल:प्रस्तुतं मजलं येन सःप्रस्तुतमाल: सन शुभेजलिशुभे दिवसे तत्र तस्यां नगा प्राविशत् // 10 // सरलार्थ :- वस्व सौभाग्यं दमयन्त्या सह विवाहेन प्रगाढम् अभवत् / सः नलप: प्रस्तुतमातःसन् शुभदिवसे तस्यां नगा प्राविशत् / / 105|| ગુજરાતી :- દમયંતી સાથેના વિવાહરૂપી અમૃતના સિંચનથી પહિત થયેલ નલરાજાએ સંગલીક કરીને શુભ દિવસે નગર-પ્રવેશ કર્યો.૧૦૫ हिन्दी :- दमयंती के साथ विवाहरुपी अमृत के सिंचन से जिसका सौभाग्यरुपी वृक्ष प्रफुल्लित हुआहै, ऐसे उसनलराजाने मंगलिक कर के शुभ दिन में उस नगरमें प्रवेश किया // 105 // मराठी:- दमयन्तीशी विवाह करून विवाहरूपी अमृताच्या सिंचनाने ज्याचा सौभाग्यरुपी वृक्ष प्रगाढ बनला. त्या नलराजाने शुभ मुहूर्तावर मंगलपूर्वक त्या नगरीत प्रवेश केला. // 10 // English:- It seemed as though the fortunate tree had been grown up when it was nursed by the (amrit) ambrosia of the marriage of Nal to Damyanti. So King Nal heard some holy mantras and entered the city of Koshala. 39. E 555550 P.P.AC.Gunratnasuri.M.S. Jun Gun Aaradnak trus