________________ OMMERINARTNERSEASRASIMHARI श्रीजयशेखरसूरिविरचितं श्रीनलदमयन्तीचरित्रम् SResssessesRGANIPALI दी:- हे देवी! तुम कुछ क्षण के लिए जागो? क्यों कि अंधकार सैन्य को परेशान कर रहा है, तुम्हारे ललाट के तिलक द्वारा इस रात के समय भी क्यों न सूर्य का उदय हो! मराठी:- प्रिवे काही वेळ जागी रहा. अन्धकार सैन्याला अतिशय त्रास देत आहे. म्हणून रात्रीच्या वेळी सुब्बा तुझ्या कपाळावरील प्रकाशमव तिलकाने (टिळवाने) अरुणोदय होऊ दे. प्रकाश पड् दे. // 18 // English:- The king addressing Damyanti as a Goddess, asked her to be awake for sometime as darkness is harrassing the army and also adds that let there be a rising sun on her forehead. AAA उत्थायावर्शवब्रैमी, भालं मार्टिस्म पाणिना॥ अदीपि तिलकस्तूर्ण, ध्वांतध्वंसभास्कर: // 19 // अन्वय:- भैमी उत्थाय आदर्शवत् पाणिना भालं मार्टि स्म / तूर्ण ध्वान्तविध्वंसभास्करः तिलक: अदीपि // 9 // विवरणम् :- भीमस्य अपत्यं स्त्री भैमी वमवन्ती उत्थाय आदर्शश्व दर्पण इव पाणिना हस्तेन भालं ललाटं मार्टि स्म प्रक्षालयति स्म। तूर्ण शीघ्र ध्वान्तस्य अन्धकारस्य विध्वंस: विनाश: ध्वान्तविध्वंसभास्करः तिलक: अदीपि प्राकाशत // 9 // र सरलार्य :- दमवन्ती उत्थाव आदर्शवत् हस्तेन ललाटं प्रक्षालयति स्म / तदा तूर्ण अन्धकारविनाशे सूर्यः इव तिलकः प्राकाशत // 9 // ગુજરાર્તી:-પછી દમયંતીએ ઊઠીને હાથ વડે(પોતાના) લલાટને સાફ કર્યું કે તુરત જ અંધકારનો નાશ કરનારા સૂર્યસરનું તિલક Haram.neen P.P. Ac. Gunrainasuri M.S: Jun Gun Aaradhak Trust