________________ oudhaRINAASHARRASS श्रीजयशेखरसूरिविरचितं श्रीनलदमयन्तीचरित्रम् shaswadesertatsARITTonag स हिन्दी :- फिर भी नलराजा शीघ्र ही अपने स्थानपर पहुंचने की उत्कंठा से आकर्षित होकर उसने कहीं भी मुकाम करने की इच्छा ... नहीं की। / / 96|| मराठी :- तरी पण अत्यंत त्वरेने आपल्या स्थानी जाण्याची उत्कंठा असल्यामुळे त्याने कोठेही मुक्काम करण्याची इच्छा केली नाही.॥९॥ English :- Then it seemed as though King Nal had a ardour desire to be back home, so he decided not to . . make astop on the way. ... ............. .:: : मूछा गमितवत्सैन्यं, ध्वान्तैकधरणे दृशां // प्रस्खलन्निपतद्गच्छ-दीक्ष्याचख्यौ नल: प्रियाम् // 17 // अन्क्षय :- दृशां ध्वान्तकधरणे सैन्यं मूछो गमितवत् प्रस्खलन्निपतद् गच्छद् वीक्ष्य नल: प्रियाम् आचरख्यौ // 17 // विवरणम् :- दृशां ध्वान्तेन एव धरणं ध्यान्तैकधरणं तस्मिन् ध्वान्तकधरणे वृशां पुरत: अन्धकारावस्थानेन सैन्यं मूछा विचेतनतां गमितवत् प्राप्तवत् प्रस्खलत् निपतत् गच्छत् वीक्ष्य अवलोक्य नल: प्रियां दमयन्तीम् आचख्यौ अवदत् // 17 // सरलार्थ :- पृष्टेः पुरतः अन्धकारावस्थानेन सैन्यं गच्छा प्राप्तवत् प्रस्खलत् निपतत् गच्छत् निरीक्ष्य नलनृपः प्रियां दमयन्तीम् अजवीत् // 97| ગજરાતી :- આંખોને અંધકારે પકડીને સ્વાધીન કરેલી હોવાથી (સઘળી) સૈન્ય જાણે મૂછ પામ્યું હોય તેમ પડતું આખડતું ચાલતું જોઈને નલરાજાએ દમયંતીને કહ્યું કે, I97 SEEEEEEEEET P.P.AC.Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust