________________ OnePRATAPARIVARANARRORN श्रीजयशेखरसूरिविरचितं श्रीनलदमयन्तीचरित्रम् A RASHT R ATIMela मराठी:- जशा प्रकारे पाणी ओतल्यास आग शांत पडते तशाच प्रकारे दमयंती द्वारा पाण्याचे शिपके मारल्यावर कृष्णराज चंड पहला . व वृक्षावरून जसे पिकलेले पान गळून पडते तशाच प्रकारे कृष्णराजच्या हातातून त्याची तलवार पडली.100|| English :- Just as the water touched him, he became pithless (cooled) just as fire cools down and his sword too fell off from his hand just as a riped leaf falls down from a tree and he became powerless. लोकोत्तरमहिम्नाथ, भैमीवृत्तेन राजकम्।। दध्यो देवी किमत्रैषा, मानुषीरूपधारिणी॥८१॥ अन्वय :- अथ लोकोत्तरमहिम्ना भैमीवृत्तेन राजकं दध्यौ। किम् अत्र एषा मानुषीरूपधारिणी देवी अस्ति? // 8 // विवरणम :- अथ लोकोत्तरः महिमा थस्य तद् लोकोत्तरमहिम, तेन लोकोत्तरमहिम्ना अलौकिकमहिमशालिना भीमस्य अपत्यं स्त्री भैमी दमयन्ती। भैम्या: वृत्तं भैमी वृत्तं तेन भैमीवृत्तेन भैमीचरितेन दमयन्तीचरितेन राज्ञां समूहः राजकंवध्यौ व्यचारयत् व्यचिन्तयत् - किम् अत्र एषामानुष्या: रूपं मानुषीरूपं मानुषीरूपं धारयति इत्येवंशीलामानुषरूपधारिणी देवी देवाङ्गना अस्ति ? // 8 // सरलार्थ :- अब लोकोत्तरमहिम्ना भैमीवृत्तेन राजकं व्यचारयत् किम् अस्मिन स्वयंवरमण्डपे एषा मानुषी - रूपधारिणी देवी अस्ति / / 81 // ગુજરાતી અર્થ :- ત્યાર બાદ લોકોત્તર મહિમા સભર દમયંતિનું ચરિત્ર જોઈને ત્યાં ઉપસ્થિત બધા રાજઓ વિચારવા લાગ્યા કે, યુનાખ્યરૂપ ધારણ કરીને કોઈ દેવાંગના ત્યાં તે સ્વયંવર મંડપમાં આવી છે કે કેમ?u૮૧ हिन्दी:. उस के बाद असाधारण महिमावाले दमयन्ती के चरित्र को देखकर वहां उपस्थित सभी राजा सोचने लगे कि मनुष्य का रूप लेकर कोई देवांगना यहां पर उपस्थित हुई है क्या ? ||81 // सा PP.AC.Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust