________________ णायकुमारचरिउ [ 1. 18.118 The marriage. : बहु पिच्छिवि हरिसिउ धरणिणाहु सुहिँ किंकरेहिँ कउ लहु विवाहु / ठवियइँ कुलदेवई मंडवाइँ विरइयई पुरंधिहिं तंडवाइँ। लोणई चडंति चमरई पडंति तालइँ चलाइँ विहडिवि घडंति / पिसुणई सुसंति सुयणेई हसंति हम्मति पडह तेण जि रसंति / भोयणसंगें विसहइ तलप्प मदलु वि काइँ गरु करइ बप्प / करि कंकणाई घरि तोरणाई सुणिबद्ध णिद्धइँ तिलरिणाई। मंगलकलसहिँ पेम्माइरुक्खु जलसिंचिउ बहुवर दिति सुक्खु / मुहवडु फेडिउ भोयंतराउ जोयेउ वहुमुहु पसरंतराउ / मणु मणहो मिलिउ करु करहो मिलिउ णयणह वि णयसंचारु घुलिउ / घत्ता-सा पणइणि हूई पाणपिय तहो रायहो सुहभायणहो / णवकुंदपुप्फदंताणणहो सिरिवहू व णारायणहो // 18 // इय णायकुमारचारुचरिए णण्णणामंकिए महाकइपुप्फयंतविरइए महाकव्वे जयंधरविवाहकल्लाणवण्णणो णाम पढमो परिच्छेउ समत्तो॥ सन्धि // 1 // 14.1 D°डवि. 2. E सुवणइ. 3. E सरंति. 4. E विडहइ. 5. E सुवि. 6. C जोइउ. P.P.AC. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust