________________ गायकुमारचरिउ Supplication to goddess Sarasvati. पणवेप्पिणु भावें पंचगुरु कलिमलवज्जिउ गुणभरिउ / आहासमि सुयपंचमिहे फलु णायकुमारचारुचरिउ // ध्रुवकं / / दुविहालंकारें विप्फुरंति लीलाकोमलइँ पयाइँ दिति / महकव्व णिहेलणि संचरंति वहुहावभावविव्भम धरंति। सुपसत्थे अत्थें दिहि करंति सव्वई विण्णाणई संभरंति / णीसेसदेसभासउ चवंति लक्खणई विसिट्ठइँ दक्खवंति / अइरुंदछंदमग्गेण जंति पाणेहिँ मि दह पाणाइँ लेंति। णवहिँ मि रसेहिँ संचिज्जमाण विग्गहतएण णिरु सोहमाण / . चउदहपुग्विल्ल दुवालसंगि जिणवयणविणिग्गयसत्तभंगि। वायरणवित्ति पायडियणाम पसियउ महु देवि मणोहिराम। घत्ता–सिरिकण्हरायकरयल -णिहिय-असिजलवाहिणि-दुग्गयरि। धवलहरसिहरि-हयमेहउलि पविउल-मण्णखेड-णयरि // 1 // / हाण-दुग्गयरि . . मर-घर मोगा। Pushpadanta is requested to compose the work. मुद्धाईकेसवभट्टपुत्तु कासवरिसिगोत्त विसालचित्तु / णण्णहो मंदिरि णिवसंतु संतु अहिमाणमेरु गुणगणमहंतु। ' पत्थिउ महिपणवियसीसएण विणएण महोवहिसीसएण। दूरुज्झियदुक्कियमोहणेण गुणधम्में अवर वि सोहणेण / भो पुप्फयंत पडिवण्णपणय मुद्धाईकेसवभट्टतणय / / 1. 1. CD सिय 2. CE हुंति. 3. CE°यले; D°यलं. 4. C मल्लखेडि; E मल्लखेड. 2. 1. ABCD मुद्धाएवि. P.P.AC.Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust