________________ - मृगांक বমি // 2 // l अर्थः-हे सरस्वति ! देवताओने पण सुखना समूह आफ्नारी, अमृत जेवी अने विस्तारवाळी एवी वाणी तं मने / | तुरत आप? // 3 // सच्चरित्रं मृगाङ्कस्य करिष्येऽहं जनप्रियम् / नत्वा स्वगुरुपादाब्जं निर्मलद्युतिभासुरम् // 4 // ___ अर्थः-निर्मल कांतिथी देदीप्यमान एवा पोताना गुरुमहाराजना पदकमलने नमीने सज्जन-प्रिय एवं मृगांकनुं चरित्र हुं करीश. // 4 // नाला 3 शिध्यानी 204} Hel तिHिRainitio| सरिर PAROLD जम्बूद्वीपेऽत्र भरतक्षेत्रं विश्वविभूषणम् / नदीपर्वतसग्रामद्रङ्गश्रेणिसमन्वितम् // 5 // ___ अर्थः-आ जंबूद्वीपमां जगत्ना भूषणसमान नदी, पर्वत, सारां गाम तथा सुंदर शहेरोना समुदायें करी युक्त एवं भरतक्षेत्र छे. // 5 // तत्रास्ति नगरी रम्या वाराणसी जनाकुला | प्रोत्तालवप्रपरिखा वापीकूपसरोऽन्विता // 6 // ___ अर्थः-ते भरतक्षेत्रमा सुंदर, जन-समूहथी अलंकृत तथा उंचा किल्लाओ, खाइओ, वावो, कुवाओ अने सरोवरोधी युक्त एवी वाराणसी नामे नगरी हती. // 6 // विहारवर्णवामाङ्गीवाग्मीवारणवाजिभिः। वणिग्वाचंयमवृन्दवैद्यैश्च परिशोभिता // 7 // यतः- // 2 // M P P.AC.Gunratnasuri.M.S. Jun Gun Aaradhak Trust RANT