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________________ // श्री पार्श्वनाथाय नमः // PPA Gunnatasun MS श्री गुणवर्मा चरित्र. (द्रुतविलंवितवृत्तम् ) विजयतां जिनवाक्यसुधारसः, सकलपापविषापनयनमः // अंजनि यस्य निरीक्ष्य मनोइतां, शशिधरान्निध एंव सुधाकरः // 1 // . (उपजातिवृत्तम् ) करोतु वृद्दि प्रनुपार्श्वदेवः, संकल्पितातीतफलप्रदाता // कैल्पमो युक्तमनेन साम्यं, ने सौस हि पल्लवधूननेन // // वीरो जीनः सत्यपुरावतारः, सारथि यचतु वनितां वः // यो वैईमान कमलां विधाय, पिर्तुगृहेऽनूढूँवि वईमानः // 3 // सर्व पापरूप विषनो नाश करवाने समर्थ एवो जिन वचनरूप अमृतरस विजयवंत वर्गों के जे अमृतरसना मनोहरपणाने जोईने सुधाकर मुनि शिव छे नाम जेनुं एवाज थया. अर्थात् मुक्कि पाम्या. // 1 // संकल्पथी अधिक फल आपनारा श्री पार्श्वनाथ प्रभु वृद्धि करो. कल्पवृक्ष पण ए प्रभुनी साथे सरखापणुं पल्लवने कंपाववायी पण नथी पाम्यु.॥२॥ सत्यपुरने विषे छे अवतार जेमनो एवा श्री वीर प्रभु तमने इचित एवी श्रेष्ट Jun Gun Aarada Trust
SR No.036439
Book TitleGunvarma Charitra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMaganlal Hathishang
PublisherMaganlal Hathishang
Publication Year1902
Total Pages242
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size300 MB
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