________________ // 9 // PP.AC.Gunratnasun M.S. *****XXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXX Patel, पछी ते कुमारे एवी रीते मनोहर गायन करयु के, जेथी हाथी ते गीतने सांभली शांत थइ गयो अने सर्वे * * माणसो हर्ष पाम्या. // 229 // पछी त्यां विशेष महोत्सव थयो एटले विद्याधरो सहित गोतप्रिय कुमारे सभा मां जइ पिताना पगमां प्रणाम करयो. // 260 // नामग्रारं कुमारेण, शतान् सहसमागतान् // नूपतिः प्रोणयामास, प्रतिपत्या नन्नश्चरान् // गंधर्वमालामालोक्य, पतंती निजपादयोः॥ श्वश्रः स्वचित्ते हृष्टा ता, प्रोणयामासचाशिषा॥ ___कुमारे नाम ग्रहण करवा पूर्वक जाहेर करेला अने साथे आवेला विद्याधरोने राजाए जक्तिथी संतोष पमाडया.॥२३१ // वली पोताना पगमां प्रणाम करती एवी गंधर्वमालाने जोइ पोताना चित्तमां हर्ष पामेली * सासुए तेने आशिष आपीने प्रसन्न करी. // 232 // विसृज्य खेचरान् सर्वान् , न्यस्य राज्ये निजं सुतम् ॥स्वला साधयामास, नूपतिर्धर्मकर्मणा गंधर्वमालया साकं, रममाणः स्वतुल्यया // स्वराज्यं पालयामास, गोतप्रियनरेश्वरः // 23 // __ पछी राजाए सर्वे विद्याधरोने रजा आपी अने पोताना पत्रने राज्यासन नपर बेसारी पोते धर्मकार्यथी स्वर्गे गयो. / / 233 // पोताना तुल्य एकी गंधर्वमालानी साथे क्रीडा करतो गीतमिय राजा पोताना राज्यनुं पालन करवा लाग्यो. // 234 // अन्येशुरागतास्तत्रालयसिंहेति सूरयः // तानंतुं सपरिवारो, ययौ गीतप्रियो नृपः // 235 // नत्वा श्रुत्वोपदेशं च, पप्रच स्वन्नवं नृपः // प्रोचिरे सूरयस्तं च, पुरतस्तस्य विस्तरात् 236 कोइ वखते ते नगरमा अजयसिंहमूरि आव्या एटले परिवार सहित गीतपिय राजा तेमने वंदन करवा गयो. // 235 // रानाए नमस्कार करी, उपदेश सांभली पोतानो भव पूछयो एटले सूरिये विस्तारथी तेनी धागल तेने कह्यु. // 236 // हस्तिनागपुरे श्रेष्ठो, धनदत्तानिधोऽनवत् // शंखनामा सुतस्तस्य, गीतपूजामसौ व्यधात् 237 जिनपूजाप्रनावेण, प्राज्यं राज्यमन्नूदिदम् // गीतपूजाविशेषेण, गीतसफलतामगात्॥३८॥ KXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXX Jun Gun A da Trust 9 //