________________ P.P.A. Gunnarasut MS पुष्पादिपूजनचतुष्कफलानि पुण्यमाणिक्यसुंदररुचिः नृपतेः पुरस्तात् // नक्त्वा विशेषसहितानी मुनिर्ध्वीद्यारोपादिपूजनफलं गदितुं प्रवृत्तः // 335 // पवित्र माणिक्यना सरखी सुंदर कांतिवाला अथवा पवित्र एवा माणिक्यसुंदररुचि मुनि राजानी आ. | गल विशेष सहित पुष्पादि चार पूजनना फलने कही धजादि आरोपणना फलने कहे छे. // 339 // इति श्री अंचलगछेशमाणिक्यसुंदरसूरिविरचिते पूजाधिकारे गुणवर्माचरित्रे पुष्पमाल्यवर्णकचूर्णारोपण पूजनफलवर्णनो नाम तृतीयः स्वर्गः Jun Gun Aaradhak Trust