________________ धर्मः | विकल्याणाः / पुण्यनाजो नरोत्तमाः // त एव हि नमस्कारं / पठति विहितादरं // 6 // किं | हरिनाषितेनात्र / राजंस्तत्वं निशामय // नमस्कारे मनो यस्य / भवाब्धिस्तस्य गोष्पदं // ए // तदेतदस्य सामर्थ्य / संक्षेपेण निदर्शितं // विशेषेण पुनः कोऽस्य / गुणान् वर्णयितुं दमः // // // एतत् श्रुत्वा जनः सर्वो। जिनपूजाकृतादरः // पंचमंगलपाठे च / प्रवृत्तो विधिपूर्वकं / / // एए // अथ स्वकर्षितुष्टेन / रत्नचंण ऋतुजा // समयं प्राप्य संपृष्टा / दमघोषमुनीश्वराः // // 300 / / भगवन् किं मया पूर्व-जन्मन्यासेवितं शुग्नं // येनेदृदा महानोगा। नृपत्वे समुप. स्थिताः // 1 // अयोचुरवधिज्ञान-विज्ञातनवविस्तराः // सजलांजोदनादेन / नर्तयंतो मयूरकान // 2 // प्रभवो दमघोषाख्याः / सर्वसत्वहितावहाः // पुरे राजगृहे राज-नासीस्त्वं पुष्पशेखरः // 3 // मालाकारो महाग्नः / खन्नावे नैव जद्रकः // एकदा च समायातः / पुष्पाण्यादाय मंदिरे // // जैने जनसमाकीर्णे / जातस्नात्रमहोत्सवं // दृष्ट्वा जैनेश्वरं विवं / जक्तिरल्लसिता तव // ॥शा युग्मं // सुगंधपंचवर्णानां / पुष्पाणां चक्तियोगतः॥ माला स्वयं समादाय / पूजितो जिननायकः // 6 // संजाता परमा श्रघा / संसारः प्रतलीकृतः // बढ़ परनवायुष्कं / नोगसारं तदा PP.AC.Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust