________________ धर्मः | वं मदनमंजरी // 2 // तयोक्तं कथयिष्यामि / सर्वं हि समयागतं // या काचियेन संजाता / ना. नारूपंविधायिका // 3 // तस्मिन्नेव दिने नक्त-मदृश्यांजनयोगतः // जनोक्तं शृण्वती भ्रांता / प्रतिवेश्म पुरेऽखिले // 4 // एकस्मिंश्च गृहे ब्रूते / वृघा विद्याधरी वचः // सुतां संक्षेपतो वत्से / सामग्री प्रगुणां कुरु // 5 // प्रझसी मम पुत्रेण | मेघनादेन साधिता // यात्रा युगादिदेवस्य / महाटव्यां प्रवर्तिता // 6 // यानिन्ये कन्यके तत्र / खेचरी चूमिगोवरी / / गीतनृत्यकलाजालकुशला रूपशालिनी // 7 // नेपथ्यं नोजनं नोगा / जव्यास्तेषां कृते मया // नेतव्याः पुत्रसंदे. शा तद्याने प्रगुणीनव // 7 // ततस्तया यथादिष्टं / समस्तं प्रगुणीकृतं // ततश्चचाल सानंदाही गगनवम॑ना // 7 // तदनु कौतुकादिप्ता / चेले मदनमंजरी // पश्यंती च महीं रम्यां / सं. प्राप्ता जिनमंदिरे // 10 // बहुविद्याधराकीणे / नानाविद्याधरीभृते // कर्पूरागुरुसंदोह-गंधद्रव्यैमनोहरे // 11 // युग्मं / / दृष्टं युगादिदेवस्य / बिंब जनमनोहरं // विधाय सहजं रूपं / रत्नचंद्रे ण तत्क्षणात् // 12 // रोमांचांचितगात्रेण / सुगंधा सुमनोहरां / गृहीत्वा मालतीमालां / पूजितः | परमेश्वरः // 13 // परमात्मा जगन्नाथः / पुत्रीयितजगतत्रयः // ऋषनो नवकांतार-सार्थवाहो / Jun Gun Aaradhak Trust PP.AC. Gunratnasuri M.S.