________________ धर्म / चिय / विसुधचित्तप्पहाणेण // 1 // इत्यादि, कालस्त्वेवमभिहितस्तद्यथा-कालंमि कीरमाणं / किसिकम्मं बहुफलं जहा लोए // श्य सवा चिय किरिया / नियनियकालंमि विनेया // 1 // सो | पुण श्ह विन्ने / संका तिन्नि ताव हेण // वित्तिकिरियाविरुद्यो / अहवा जो जस्स जाव न // 2 // इत्यादि. सत्कुसुमादीनि पुनरेवं कथितानि, तद्यथा-वरगंधधूयसबो-सहेहिं नद. गाइएहिं दवेहिं / सुरहिविलेवणवरकुसुम-दामावलिदीवएहिं च // 1 // सिष्य दहियकयगोरोयणमाश्एहिं जहलानं // कंचणमोत्तियस्यणाश्-दामएहिं च विविहेहि // 2 // पवरेहिं सा. हणेहिं / पायं जावोवि जायई पवरो // न य अन्नो नवनगो। एएसिं सयाण लठ्यरो // 3 // ह लोयपरलोश्या | कज्जाणं पारसोश्यं अहियं // तंपि य नावपहाणं / सोवि य श्यं कज्जगम्मोति // 4 // ता नियविहव गुरुवं / विसिठपुप्फाइएहिं जिणपूया // कायवा बुद्धिमया / तम्मि बहुमाणसारा य // 5 // इत्यादि. गंजीरार्थस्तुतिस्तोत्राणि पुनरेवं-थुश्योत्ता पुण नेया। गंजीरपयनविरश्या जे न // सप्ऋयगुणुकित्तण-रूवा खड्नु ते जिणाणं तु // 1 // तेसिं अगदिगमे / / नियमेणं हो। कुसलपरिणामो // सुंदरनावा तेसिं / श्यरमिवि रयणनाएण // 2 // जरसमणा. P.P.AC.Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust