________________ टीका - धर्मः | चितवृत्त्या च / वर्तितव्यं विवेकिना // 13 // माननीया जना मान्या / निंदनीया न केचन // 5. | रमर्म न वक्तव्यं / कर्तव्यो धर्मसंग्रहः // 14 // कर्कशं न वचो वाच्यं / न जाव्यं बमुष्टिनाः / / इंद्रियाणि वशीकृत्य / पालनीयो गृहाश्रमः // 15 // गृहांतर्वातलः कोऽपि / पित्तलः कोऽपि को४१ पनः // मानी मायी च लोनी च / कलही चापि कश्चन // 16 // दुःशीलो दुर्नगः कोऽपि / को. |ऽपि दुष्टो परो जमः // गृहनायकेन कर्तव्या। सर्वेषामनुवर्तना // 17 // स्वल्पजल्पक्रियाकारी। | देहादर्शितविक्रियः // श्लाध्यते सर्वलोकेन / यत उक्तं महात्मन्निः // 17 // न खनति खुरैः दो. पीपृष्टं न नर्दति सादरं / प्रकृतिपुरुषं प्रेक्ष्याप्यग्रे न कुप्यति गोंतरं // वहति च धुरं धुर्यो धैर्यादनुघरकंधरो / जगति गुणिनः कार्यौदार्यात्परानतिशेरते // 17 // दानादिगुणसंयुक्तः / सदाचारपरायणः // कुलाचारकचित्तश्च / केन केन न शस्यते // 20 // यतः त्यागैः सचरितैर्दयाभिरतुलैरन्योपकारैर्गुणै- देविनयैस्तपोनिरमलैः शुभैर्यशोनिन यैः // तारस्फारविवेकतो निजकुटाचारात्तथा धर्मतो / यो धीरेधुरि देहिनां न गणितः किं सोऽपि मर्यो / वि // 21 / / सर्वस्य चोन्नतिः कार्या / वार्या दुर्जनसंगतिः // स्त्रीणां वशे न गंतव्यं / वचो वा P.P.AC. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust