________________ धर्मः | पा॥ 12 // युग्मं // विद्या च कामदेवेन / ततः सा निशितैः शरैः // संततं तं प्रपश्यंती / चिं. तयंती च तद्गुणान् // 3 // कायेनैव न चित्तेन / गता सा काममंदिरं // संपूज्य कामदेवस्य / प्रतिमामताकृति // 24 // कणसारस्य रूपेण / मोहिता वलिता क्षणात् // कामग्रढगृहीतासा 151 -वगबाजमंदिरे // 25 // त्रिनिर्विशेषकं // _ सुप्ता सुंदरपर्यके / न च प्राप मुखासिकं // ददृशे च तथावस्था / धाच्या पृष्टा च सा यथा // 26 // बापते किमु ते वत्से / सदुःखा येन दृश्यसे / वारंवार तयाप्येवं / सादरं पृच्छयमानया // 27 // प्रोक्तः सर्वोऽपि वृत्तांतः / कणसारेदणादिकः // तदंव त्वं कुरु यत्नं / यथा मे स्यादनीप्सितं // 20 / / युग्मं // धात्र्या च तत्दाणादेव / तस्या मातुर्निवेदितं / / तयापि नरनाथस्य / ते. नोचे नातिचार्विदं // 25 // यदाजपुत्रिकायास्तु | संबंधो वणिजा सह // तथाप्येवं करिष्यामि / / मत्सुता लनतां धृति // 30 // ततस्तारमनश्रेष्टी। समाहूतो महीनुजा // वृत्तांतं सर्वमाख्याय / / सादरं नाणितो यथा // 31 // दत्तेयं कणसारस्य / मया पुत्री सुदर्शना // निर्विचारमिदं कार्य / | कालक्षेपं विना कुरु // 32 // देव एव विजानाति / किमत्र ब्रूमहे वयं // इत्युक्त्वा जपतेर्वाक्यं / / Jun Gun Aaradhak Trust P.P.AC.Gunratnasuri M.S.