________________ धर्म 106 प्रस्तावमासाद्य / नानुप्रननृपोऽवदत् // पूर्वजन्मनि लोकेश / किं मया सुकृतं कृतं // 51 // येने. हृदा महागोगा / रम्यं राज्यचतुष्टयं // कांताः कांताः सुपुत्राश्च / श्रियः सर्वमनोहराः // 5 // युग्मं // केवल्युवाच नो राजन / संक्षेपात् शृणु कारणं // शुजाशुचपदार्थानां / पुण्यपापे निबंध नं // 53 / / समस्तीह कलिंगेषु / सुखावासं महापुरं // धाराख्या निर्धना नारी / तत्रोवास निर न्वया // 55 // नानाकोलसमाकीर्ण-कुटीरकनिवासिनी // कुग्रासाबादना नित्यं / कुकर्मशतकारिणी // 55 // युग्मं // तैलकर्ष समादाय / सापणादलिता सती // विवेश मंदिरं जैनं / राजह. स्तिनयाकुला // 26 // अहो महति संसारे / जीवशिः किं न दृश्यते // यद् दृष्टोऽदृष्टपूर्वोऽयं / देवदेवो जिनेश्वरः // 27 // शांतः सौम्यः सदाकारः / प्रदीपोद्योतिताननः // गतरागो गतदेषो। गतमोहो निरंजनः // 17 // युग्मं // अस्यैव पुरतो जाति / प्रदीप इति मे मतिः॥ इत्यालोच्य तया दत्तः / प्रदीपः स्नेहपूरितः // एए // अन्वमोदि चिरं कालं / रोमांचांचितगावया // बई परनवायुष्कं / जोगसारं तदा तया // 60 // युग्मं // मृत्वा कालेन संजातो / नानुश्रीपरमोदरे / / जानुप्रन इति ख्यातः / स च त्वं मेदिनीपते // 61 // श्रुत्वेदं जुवनालोक-नाषितं मेदिनीप. P.P.AC.Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust