________________ धर्मः। दणासिधेनुका // 37 // तीवार्ककरसंपर्क-दुर्दमसिपत्रिकां / / दृष्ट्वा कंपितु लमा / लतेव प. वनाहता // 30 // नीतायाः पतितो गर्नो / भूतलेऽजनि पुत्रिका / हताहं च मृतात्रैव / संजाता वनदेवता // 35 // दारिकां मारयन् सोऽपि / वनदेव्या निपातितः // पापानां निपतत्येव / पाप११६ मत्रैव जन्मनि // 40 // स्त्रीहत्यां नृणहत्यां च / कृत्वासौ जावतोऽधमः // महापाप गराक्रांतो / मृ. | त्वा च दुर्गतिं गतः // 1 // स्त्रीहत्यां हि महापाप-महानर्थनिबंधनं / / महापापाः प्रकुर्वति / दु. | गर्गतिगामिनः // 42 // अनाचारे मतिर्यस्य / जन्मदयं निहंति सः // दुर्गतिः परलोकेऽस्य / | लोके चेह विमंबना / / 43 // पुत्रिकापि मया पुत्र / महामोहेन पालिता // सांप्रतं च वरप्राप्तौ / चिंता मे हृदये स्थिता // 4 // मानुषी तु न देवेषु / मनुष्येषु न रूपवान् // वरोऽस्या विद्यते | योग्यः / सचिंतं तेन मे मनः // 45 // वरचिंताकुला याव–त्तिष्टामि प्रतिवासरं // तावदन्यदिने दृष्टा / तल्पासानातिदुःखिता / / 46 // एकाकिन्येव जल्पंती / रुदंती च पुनः पुनः // शून्यचित्ता | ह्यधोवत्रा / व्रष्टमंत्रेव योगिनी // 4 // युग्मं // अहो मे निघणं कर्म / कृतमझानदोषतः / न दत्तमुत्तरं तस्य / सस्नेहं पृच्छ्यमानया // 4 // लज्जानुरोधतो नैष / युवा संजाषितो मया // दू. PP.AC.Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust