________________ धर्मः | किमे तैर्विस्मयो मम // 26 // तयागाणि महाभाग / संक्षेपात् शृणु कारणं / अंगाजनपदस्यांतः , ... / श्रीविलासपुरं पुरं // 27 // श्रीविलासो नृपस्तत्र / मंदिरं सर्वसंपदां // कामश्रीहिनी तस्य / रूपलावण्यशालिनी // 20 // शतोपयाचितैर्जाता / अहमे कैव कन्यका // तस्याः प्रतिष्टितं नाम 175/ / जयश्रीरिति सुंदरं / / 27 // अवंतिवर्धनेनाहं / कलिंगाधिपसूनुना // परिणीता प्रमोदेन / व. जंति मम वासराः // 30 // संतो मेऽन्यदा गर्भो / मृतश्चावंतिवर्धनः // कीर्तिधर्माधिस्तस्य / नागिनेयः प्रतिष्टितः // 31 // . अन्यदा च सशंकेन / पृष्टो नैमित्तिकः स्वयं // स्थिरं मे नद्र किं राज्यं / चलं वेति निगद्यतां // 32 // जयश्रीकुक्षिसंवतां / कन्यां यः परिणेष्यति / / स एतद्रोदयते राज्यं / निश्छद्म यदि जटप्यते // 33 // नैमित्तिक गृहं याहि / हृदि धार्यमिदं त्वया // एकांते जणितस्तेन / दृढधर्मा स्वमातुलः // 34 // जयश्रियं गृहीत्वा त्वं / नयामि त्वां पितुहे / इत्युक्त्वा गब कांतारे / व्यापाचागल सत्वरं // 35 // प्रतिपद्य वचस्तस्य / एकाकी च मया समं // रथमारुह्य वेगेन / कांता. / रमिदमागतः // 36 // ततो रथात्समुत्तीर्य / निवेद्य नृपशासनं // कटीतटात्समाकृष्टा / तेन ती PP.AC Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust