________________ धर्मः | शशांकस्येव कौमुदी // 57 // नपयाचितशतैस्तस्या / एकैवाजनि कन्यका॥ सम्मता मातृपित्रोः सा / ब्राणां नेत्रकौमुदी // 27 // दानसन्मानसत्कारैः / पूजयित्वा महाजनं // सूरश्रीरिति ना. मास्याः / समये संप्रतिष्टितं // 27 // पित्रा पृष्टः प्रहृष्टेन / समाहूय सगौरखं / नैमित्तिकः शुजारंनः / ख्यातः सत्यप्रनावकः // 60 / / नैमित्तिक शरीरेऽस्या / लक्षणानि निवेदय // निरूप्य न णितं तेन / राजपुत्रीशरीरकं / / 61 // राजन् कल्याणमालेयं / चतुराज्यनिबंधना // जन्मग्रहवलं श्रेष्टं / लदाणानि शुजानि च // 6 // कल्याणजाजनं नव्यः / शुनग्रहनिरीक्षितः॥ धन्यः कोऽ. पि युवा योऽस्याः / करिष्यति करग्रहं // 63 / / विसर्जितः शुभारंभ-चंद्रशेखरबूजा // चंद्रलेखा समाहूता / तस्याः सर्व निवेदितं // 64 // विस्तृतं सर्वराज्येषु ! शुभारंभप्रजल्पितं // देशे दे. शे पुरे ग्रामे / तैलबिंदुर्यथा जले // 65 // विषयराज्यलोनेन / राजानस्तां ययाचिरे / / न निषे. धं न वा दानं / कुरुते चंडशेखरः // 66 // केरलाधिपसरस्य / राझो दृतः समागतः // नृपं प्र णम्य दूतेन / सदर्प जल्पितं वचः / / 67 // | . सूराय तनुजां दत्वा। सुखं भुंव महीपते // कृतं कालविलंबेन / युसज्जो नवाथवा // 6 // Jun Gun Aaradhak Trust P.P.AC. Gunratnasuri M.S.