________________ धर्मः। नव्यविवाहवेषश्च / सरोषं तेन वीक्षितः // प्रनिता नगिनी कोऽयं / निर्गतः पुरुषाधमः // 35 // / युग्मं // हे व्रातरार्यपुत्रोऽयं / जानुमन्नृपनंदनः // विश्वविश्वंचरामार-धरणोध्धुरकंधरः // 36 // | रे पापे केन ते दत्तो / येनाजन्यार्यपुत्रकः // अथैनं प्रथमं ताव-न्मास्यामि नराधमं // 37 // पश्चादेनां महापापां / जगिनीरूपवैरिणीं // यया कामांधया सत्या / वंचितः स्वसहोदरः / / 37 // रे पाप जार दुर्जात / पुराचार नराधम // केनैताः कन्यका दत्ता-स्त्वया येन विवाहिताः // 3 // एताः स्वार्थ मयानीताः / सामग्री सकटा कृता // त्वया तु दुर्जनेनैवं / बिडं लब्ध्वा विवाहिताः // 40 // शस्त्रं गृहाण कालस्ते / क्रुको मूढाधुना ध्रुवं // अद्यैव पाप ते मूर्ध्नि / सद्यः पततु पा तकं // 1 // नानुप्रजकुमारोऽपि / दुर्वचःशरशख्यितः // केसरीव निराशंको / दुढौके तस्य सन्भुखः // 42 // खेचरेणापि निस्त्रिंशो / वाहितः कुमरंप्रति // मुहूर्त मूर्चितस्तेन / स्थितो भूपालनंदनः // 43 // जुयोऽपि लब्धचैतन्यः / खजमादाय धावितः // तीदणखकप्रहारेण / प्रहतो द. क्षिणे करे // 44 // मुमोच दक्षिणं बाहुं / खनेन सह खेचरः // स्मृता विलदावक्रेण / तेन वि. | या समागता / / 45 // वद वत्स च मे कार्य / चिंतिताहं समागता // दुराचारं दुराशं मे / मातः P.P.AC.Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust MIREJit...