________________ धर्म र दामिमैजिपूरकैः // वेदिकासन्नसवृद-कक्षेण कृतवेष्टनं // 100 // तरंगनंगरंगतिः / प. योनिः कृतविस्मयं // तारासरःसमाख्यातं / तारया येन कारितं // 1 // तरंगवाहुचिईरा-त्पदि णां विरुतेन च // शब्दयंतमिवानेकान् / स्नानपानकृते जनान् // 5 // कुलकं / / 164 .. अवगाह्य तत्सरस्तान्यां / स्वशीलमिव निर्मलं // पयः पीतं कृतं स्नान-मुत्तीर्य सरसस्ततः / / | // 3 // कंदमूलैः फलैश्चैव / दादाद्यैः सुमनोहरैः // स्मृत्वांतर्गुरुदेवांश्च / विहिता भोजनक्रिया / / | // 4 // श्रांता लतागृढस्यांतः / स्थिता कनकसुंदरी // कुमारः खम्मादाय / दुष्टसंरदाणाकृते // 5 // | निषलो हारि निक्षिप्त-लोचनो दिक्षु पश्यति // सरःपालीसमासन्नं / नागवल्लीविराजितं // 6 // वृदलदैः समाकीर्ण-मुद्यानं नंदनोपमं // आलवालपयःपान-प्रहृष्टमृगयूथकं / / 7 // त्रिनिर्विशेषकः // तस्यांतर्वरपुष्पाणि / चिन्वती कोमलैः करैः // दृष्टैका कन्यका तेन / पारिजाततरोधः // // सारंगयुथमध्यस्था / चंद्रवका मृगेदणा / उत्तप्तस्वर्णवर्णाचा / यौवनारंनवर्तिनी // 5 // सर्वसीमंतिनीसीमा / शशांकस्येव कौमुदी // शर्वाणी शंकरस्येव / शंकरा प्रियदर्शना // 10 // त्रिनिर्विशेषकं // ग्रामं पुरं दिशं स्थानं / यावदेषा प्रबुध्यते // प्रश्नयामि पुरो नृय / तावदेनां मृः P.P.AC.Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust