________________ धर्म मधुसुंदरनामा ते / नाता नक्तिपरायणः // मधुसुंदरी तद्भार्या / धर्मकर्मपरायणा // 4 // शं. / | खचूमो दिजो मृत्वा / जातो वणिक्सुतस्ततः // नार्याकार्मणदोषेण / धर्मकर्मपरायणः // 5 // स. र्वझपुरतः शुध-प्नावसारं पुनः पुनः // कर्पूरागुरुसन्मिश्र-सारश्रीखंडसंयुतः // 6 // धूपो द. | ग्धो विधानेन / मृत्वा देवगतिं गतः / ततश्युत्वेह संजातो / नरकांतोदरे सुतः // 7 // तेन पु. एयेन ते सर्व-मनुकूलं धनादिकं / / भ्राता ब्रांत्वेह संसारे / जातो मलयसुंदरः // 7 // मधुसुंदरी तार्या / जाता च जयसुंदरी // योरपि परा प्रीति-स्त्वांप्रति प्रतिवासरं / / 5 / एतावत्तु त. वाप्युच्चै-रासीत्प्रेम निरंतरं / पूर्वजन्मानुजावेन / स्नेहाधिक्यं महीपते / / 10 / / योऽप्युवाच - पोऽथ / पर्यंतो मम कीदृशः // पुण्यानुबंधिपुण्येन / राजन् समवलोकितः // 11 // श्रादौ मध्येऽ. वसाने च / शुनं विधि त्वमात्मनः / / जातिस्मरण विज्ञात–निजपूर्ववो नृपः // 12 // गृहे ग त्वा समालोच्या-मात्यमंत्रिपुरस्तदा // जयसुंदरीसुतं राज्ये-इन्जिषिच्य जयशेखरं // 13 // स. सक्षेत्र्यां धनं दत्वा / कृत्वा यात्रामहोत्सवं // दीनानायांधपंगुभ्यो / दत्वा दानं यहळया // 15 // | सहस्रवाहिशिविकां / समारुह्य विनिर्गतः // संतोषसामराचार्य-समीपे निर्मलं व्रतं // 15 // ज. PP.AC. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust