________________ धमः | . तयोक्तं सत्यमेवेदं / नान्यथा तव दर्शनं / नवंतं दुरतो दृष्ट्वा / चलिता दक्षिणामजि // 5 // ततः सा रोदितुं लमा / कुमारेण निवारिता // स्वस्थीय क्षणादेवं / प्रोवाव सरलाशया // 6 // महानाग महामेघ-विद्याधरतनूद्भवा // सुवदनाकुदिजा चाहं / नाम्ना च सरताजा // 7 // म पित्रा शेशवे पृष्टः / सिम्पुत्रो यशःप्रनः // को गर्ता गद्र गाव्यस्या-स्तेनापीदं प्रजल्पितं / / / समस्तविश्वविख्यात-स्त्यागी जोगी महाबलः // रणकेसरिजो गावी / नर्तास्या नरकेसरी // 7 // सांप्रतं चाहमन्यत्र / पित्रा दातुं समीहिता // निर्विणा जीवितस्याहं / मरणार्थमिहागता // 10 // प्रणम्य जक्तितः कांतं / शांतं शांतिकरं जिनं // श्रारुह्य शिखरे मुक्तो / मयात्मा घातहेतवे // 11 // परं पश्यामि तल्पस्थ-मात्मानं पापकारिणी // नजिता नजसो वाणी। पुत्रि पूर्णा मनोरथाः / / // 12 // प्रभाते धर्धरात्रे ते / प्रियेण सह संगमः // संजवी नावि कल्याणे / मागमोऽन्यत्र कुत्रचित् // 13 // ततोऽहं जिननायस्य / शांतिदेवस्य पूजनं // संगीतकं च कुर्वाणा / स्थितात्रैव जिनालये // 14 // अद्य त्वतर्कितो जात-स्त्वया सह समागमः / / अरण्यं वसितं जातं / संजा | ता चित्तनिवृतिः // 15 // कथितं यत्त्वया पृष्टं / रहस्यं सकलं मया // सांप्रतं श्रोतुमिहामि / त्वं / PP.AC.Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust